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shri krishna janmashtami 2016 : name of these villages on lord Krishna and rukumini marriage
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5 हजार साल पहले श्रीकृष्ण के विवाह पर पडे़ थे इन गांवों के नाम…

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5 हजार साल पहले श्रीकृष्ण के विवाह पर पडे़ थे इन गांवों के नाम…
shri krishna janmashtami 2016 : name of these villages on lord Krishna and rukumini marriage
shri krishna janmashtami 2016
shri krishna janmashtami 2016 : name of these villages on lord Krishna and rukumini marriage

बुलंदशहर। जन्माष्टमी का त्योहार पूरे देश में मनाया जा रहा है। लोग भगवान कृष्ण के 5242वें जन्म का इंतजार कर रहे हैं।

भगवान श्रीकृष्ण की कर्मस्थली रहे बुलंदशहर जिले के करीब एक दर्जन गांव ऐसे हैं, जहां द्वापर युग में महारानी रूकमणि से विवाह के दौरान हुई विभिन्न रस्मों से मिलते-जुलते गांवों के नाम रखे गए।

प्रत्येक गांव का नाम भगवान श्रीकृष्ण के विवाह समारोह की रस्मों से जुडा है। ऐसे नामों के 40 से अधिक गांवों का अस्तित्व ही समाप्त हो चुका है।

द्वापर युग में जनपद मुख्यालय से महज 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कस्बा अहार का काफी पौराणिक महत्व था। उस वक्त का कुंदनपुर आज का अहार है। यह कुंदनपुर के राजा भिष्मक की राजधानी थी।

भगवान श्रीकृष्ण ने राजा भिष्मक की पुत्री महारानी रूकमणि से यहीं आकर विवाह रचाया था। विवाह के दौरान हुई विभिन्न रस्मों के आधार पर ही अहार क्षेत्र के पचास से अधिक गांवों का नामकरण किया गया है।

अहार से मात्र दो किलो मीटर दूरी पर स्थित गांव मोहरसा में श्रीकृष्ण का मोहर (मोर पेंच) बंधा था, जिस कारण इसका नाम मोहरसा रखा गया। श्रीकृष्ण की बारात में आए लोगों का जहां ब्रह्मभोज हुआ था, उस गांव का नाम बामनपुर है।

गांव खंदोई नंगला के कुम्हारों ने वहां से मिटटी का खदान कर विवाह के बर्तन बनाए थे। मोहरसा गांव में आज भी खंदोई नंगला के मिटटी के बर्तनों का मेला लगता है।

भगवान श्रीकृष्ण रूकमणि को हरण कर द्वारिका ले जा रहे थे, तब यकमणि के भाई रूकन ने अपनी सेना के साथ गेट लगाकर उनका रास्ता रोक दिया था। तभी से उस जगह का नाम दरावर रख दिया गया।

इसके अलावा अहार क्षेत्र के करीब 40 गांव ऐसे थे, जिनका नाम भगवान श्रीकृष्ण के विवाह समारोह के दौरान विभिन्न रस्मों के आधार पर पड़ा था। यह गांव बुलंदशहर के अलावा बदायूं जनपद में भी आते थे परंतु आज इन गांवों का अस्तित्व समाप्त हो चुका है।