कानपुर। कांग्रेस के रणनीतिकार पीके पार्टी को सत्ता में लाने के लिए बीएमडी (ब्राह्मण, मुस्लिम व दलित) प्लान तैयार किया है। हालांकि कांग्रेस की नीति भी यही रही है लेकिन पहली बार खुलकर काम किया जा रहा है। जिसके चलते पहले चरण में चार सितंबर को एक संस्था के जरिए ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में करो या मरो की स्थिति से गुजर रही कांग्रेस वही कर रही है जो रणनीतिकार प्रशांत किशोर यानि पीके कहते है। प्रदेश पदाधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री उम्मीदवार में पूरी तरह से पीके की ही चली। अब कांग्रेस की पुरानी नीति बीएमडी पर प्लान के तहत काम शुरू कर दिया गया है।
दो सितंबर को प्लान के पहले चरण की शुरूआत लखनऊ से होगी इसके बाद चार सितंबर को कानपुर में आयोजन किया जाएगा। जिलाध्यक्ष हर प्रकाश अग्निहोत्री ने बताया कि पहले चरण में गैर राजनीतिक संस्था ब्राह्मण चेतना परिषद के जरिए ब्राह्मणों को जोड़ा जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में सभी पार्टियों के ब्राह्मण राजनेता शिरकत करेंगे। जिसमें कांग्रेस के पदाधिकारी राजनेताओं को यह बताने की कोशिश करेगें कि प्रदेश की एकमात्र पार्टी है जिसने मुख्यमंत्री उम्मीदवार ब्राह्मण को उतारा है।
इसके साथ ही सम्मान का हवाला देकर राजनेताओं को अपनी तरफ आकर्षित करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पीके के निर्देश पर कानपुर के बाद प्रदेश के सभी मण्डलों व जनपदों में ऐसे ही सम्मेलन का आयोजन कर ब्राह्मणों को जोड़ा जाएगा।
पूर्व एमडी करेंगे नेतृत्व
राष्ट्रीय ब्राह्मण चेतना परिषद के मुख्य संयोजक रंजन दीक्षित है जो हरदोई के रहने वाले है लेकिन लखनऊ में लंबे समय से रह रहे हैं। परिषद ने कानपुर में ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए पूर्व एमडी विष्णु अवतार चतुर्वेदी नेतृत्व करेंगे।
चतुर्वेदी ने बताया कि इस सम्मेलन में न तो कांग्रेस का झण्डा दिखेगा और न ही निशान। यहां पर केवल कांग्रेस को मजबूत करने के लिए बाते होगी और ब्राह्मणों को पार्टी की तरफ जोड़ने का काम किया जाएगा।
पहला प्लान सफल तो सब सफल
प्रदेश उपाध्यक्ष राजाराम पाल ने बताया कि समय को देखते हुए पीके के प्लान पर काम किया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि पहले प्लान के तहत ब्राह्मणों को जोड़ा जा रहा है अगर हम इस प्लान के जरिए 70 प्रतिशत ब्राह्मणों को अपने पक्ष में कर लिए तो आगे के सभी प्लान अनायास सफल हो जाएंगे।
पाल ने बताया कि हम शत प्रतिशत में काम नहीं कर रहें है केवल 30 प्रतिशत मतदाताओं पर नजरे है और यही 30 प्रतिशत पार्टी को सत्ता में ला खड़ा कर देगी। जब उनसे पूछा गया कि यह 30 प्रतिशत कौन है तो उन्होंने बताया कि आठ प्रतिशत ब्राह्मण, नौ प्रतिशत मुस्लिम, तीन प्रतिशत अन्य सवर्ण, पांच-पांच प्रतिशत दलित व पिछड़ा वर्ग है।