नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अलगाववादी ताकतों और कश्मीर घाटी में तनाव पैदा करने वाले तत्वों को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि अशांति फैलाने के लिए युवाओं और बच्चों को भड़काने वाले और उनको हथियार बनाने वालों को जवाब देना होगा। उन्होंने सभी देशवासियों से एकता बनाए रखने का आह्वान भी किया।
रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कश्मीर के हालातों पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सवा-सौ करोड़ देशवासियों का मत है कि कश्मीर में अगर कोई भी जान जाती है, चाहे वह किसी नौजवान की हो या किसी सुरक्षाकर्मी की, ये नुकसान हमारा ही है, अपनों का ही है, अपने देश का ही है।
उन्होंने कहा कि जो लोग इन छोटे-छोटे बालकों को आगे करके कश्मीर में अशांति पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं, कभी-न-कभी उनको इन निर्दोष बालकों को भी जवाब देना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो कुछ कश्मीर में हुआ उससे पूरा देश दुखी है। यही कारण है कि घोर राजनैतिक विरोध रखने वाले विभिन्न दलों ने मिलकर एक स्वर से कश्मीर की बात रखी और दुनिया और अलगाववादी तत्वों को भी संदेश दिया कि घाटी में हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी ने मिलकर कश्मीर के नागरिकों के प्रति संवेदनाओं को व्यक्त किया।
कश्मीर के हालातों पर सभी दलों से प्राप्त सहयोग के लिए उनका आभार प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कश्मीर के संबंध में मेरी सभी दलों से जितनी बातचीत हुई उससे एक बात ज़रूर जागृत होती थी, अगर उसको मैंने कम शब्दों में समेटना हो, तो मैं कहूंगा कि एकता और ममता, ये दो बातें मूल मंत्र में रहीं।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने देशवासियों से एकजुट रहकर चलने और एकता बनाए रखने का आह्वान किय़ा। उन्होंने कहा कि हमारा देश बहुत बड़ा है। विविधताओं से भरा हुआ है।
विविधताओं से भरे हुए देश को एकता के बंधन में बनाए रखने के लिए नागरिक के नाते, समाज के नाते, सरकार के नाते, हम सबका दायित्व है कि हम एकता को बल देने वाली बातों को ज़्यादा ताक़त दें, ज़्यादा उजागर करें और तभी जा करके देश अपना उज्ज्वल भविष्य बना सकता है, और बनेगा। मेरा सवा-सौ करोड़ देशवासियों की शक्ति पर भरोसा है।
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