अहमदाबाद। बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दुष्यन्त गौतम ने दावा किया कि राजनीतिक दल गुजरात में दलित उत्पीडऩ बढ़ाने की साजिश कर रहे हैं। राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस प्रकार के प्रयासों से समाज की समरसता मलिन करना अनुचित है।
प्रदेश में ऊना की दलित उत्पीडऩ घटना के बाद भाजपा की धूमिल हो रही छवि के डैमेज कन्ट्रोल के लिए प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर आए गौतम ने सोमवार को कहा कि ऊना की घटना दु:खद है। इस प्रकार की घटनाएं नहीं होनी चाहिए, लेकिन समाज में एक साथ रहते हैं तो थोड़ी बहुत घटनाएं होती हैं। उनमें दोषियों को सजा होनी चाहिए। ऊना की घटना को लेकर राज्य सरकार ने पीडि़तों को सांत्वना दी, मुआवजा भी दिया।
चार पुलिस अधिकारियों के निलंबन के अलावा आरोपियोंं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। प्रशासनिक महकमे ने जो जरूरी लगा वह किया। इसके बावजूद अब गुजरात ही नही बल्कि पूरे देश में दलित उत्पीडऩ की घटनाओं हवा देकर राजनीतिक वातावरण बिगाडऩे का प्रयास किया जा रहा है।
कांग्रेस व अन्य विरोधियों के इस प्रकार की प्रवृत्तियों से दलित समाज को जागरूक करने के लिए उन्होंने पिछले दो दिनों में गढड़ा, बरवाळा में सामाजिक प्रतिनिधियों से मुलाकात की।
अब बुधवार को ऊना जाकर पीडि़तों को सांत्वना देंगे। भाजपा दलित समाज के साथ है, यह बात समझाएंगे। प्रदेश के दलितों से कहेंगे कि वे अपनी मांगों को लेकर संघर्ष करें, लेकिन सड़कों पर खड़े होकर सामाजिक समरसता का माहौल खराब ना करें।
थानगढ़ को हवा नवसर्जन ट्रस्ट व कांग्रेस का षड्यंत्र
इस मौके पर प्रदेश भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के सचिव जीवराज चौहाण ने कहा कि थानगढ़ दलित उत्पीडऩ घटना को फिर से हवा देना नवसर्जन ट्रस्ट व कांग्रेस का षड्यंत्र है। करीब चार साल पहले हुई इस घटना का समझौता हो गया था।
पुलिस फायरिंग में मारे गए दलित युवकों के परिवारों को उस समय सात-सात लाख का मुवावजा, तीन-तीन एकड़ जमीन एवं विधवाओं को पेंशन चालू कर दी गई थी। फायरिंग के आरोप पुलिस निरीक्षक के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था।