Warning: Undefined variable $td_post_theme_settings in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/news/wp-content/themes/Newspaper/functions.php on line 54
Udaipur: corrupt patwari gets rigorous imprisonment of two years
Home Headlines उदयपुर : भ्रष्ट पटवारी को दो साल की कड़ी कैद

उदयपुर : भ्रष्ट पटवारी को दो साल की कड़ी कैद

0
उदयपुर : भ्रष्ट पटवारी को दो साल की कड़ी कैद
Udaipur: corrupt patwari gets rigorous imprisonment of two years
Udaipur: corrupt patwari gets rigorous imprisonment of two years
Udaipur: corrupt patwari gets rigorous imprisonment of two years

उदयपुर। नामांतरण खोलने की एवज में 900 रुपए की रिश्वत लेने वाले पटवारी को अदालत ने दो वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई।

प्रकरण के अनुसार 25 जुलाई 2007 को अनोखीलाल पाटीदार ने पुलिस उप अधीक्षक एसीबी चित्तौड़ को लिखित रिपोर्ट दी कि उसकी पत्नी चंद्रकला के नाम धमोतर में महूडी खेड़ा मौजा में कुल 0.90 हैक्टेयर कृषि भूमि 14 मई 2007 को 66 हजार रुपए में क्रय कर विक्रेता को समस्त राशि अदा कर 15 जुलाई 2007 को उप पंजीयन प्रतापगढ़ से पंजीयन करा दस्तावेज नामान्तरण के लिए हरि मंदिर के पास छोटीसादड़ी जिला चित्तौड़ निवासी तत्कालीन पटवारी पटवार हल्का बारावरदा अतिरिक्त चार्ज पटवार हल्का धमोतर तहसील व जिला प्रतापगढ़ के पटवारी शान्तिलाल पुत्र भैरूलाल जैन को दिए।

पटवारी शान्तिलाल जैन ने चंद्रकला के नाम नामांतरण खोलने के लिए 900 रूपए की रिश्वत मांगी अन्यथा नामांतरण नहीं खोलने की बात कही। इस पर ब्यूरो ने शिकायत का सत्यापन करा 27 जुलाई 2007 को पटवारी शांतिलाल जैन को उसके घर से 900 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

रिश्वत की राशि उसकी शर्ट की जेब से बरामद की गई। ब्यूरो ने जांच पूर्ण कर आरोपी पटवारी शांतिलाल जैन के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र पेश किया। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक गणेशशंकर तिवारी ने 11 गवाह व 29 दस्तावेज प्रदर्शित किए।

सभी ने अभियोजन कहानी का समर्थन किया। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद विशेष सेशन न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण मामलात) के पीठासीन अधिकारी सुनील कुमार पंचोली ने आरोपी पटवारी शांतिलाल जैन को दोषी करार देते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और धारा 13 (1)(डी) सपठित धारा 1& (2) में दो-दो वर्ष के कठोर कारावास और पांच-पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

पटवारी का आरोप हुआ निराधार

रिश्वत के दौरान पटवारी ने 27 जुलाई 2007 को शाम साढ़े सात बजे खोले गए नामांतरण दर्ज कराया कि नामांतरण पर मेरे द्वारा विशेष विवरण में नेाट ल्गाया कि नामांतन खुलने के अयोग्य है लेकिन एसीबी वालों ने डरा-धमका कर जबरन नामान्तरण खुलवाया है। जो राशि मुझसे बरामद की गई वो मैंने अपने दोस्त बद्रीलाल पाटीदार से उधार मंगाई थी।

इस पर ट्रेप अधिकारी गणपत सिंह चौहान ने बद्रीलाल पाटीदार को मौके पर तलब किया उससे पूछा तो उसने बताया कि पटवारी ने मुझसे 1000 रुपए उधार मंगवाए थे लेकिन मेरे पास 900 ही थे जो मैंने अनोखीलाल के साथ भेजे थे, लेकिन ब्यूरो ने मेरे इस पूरे घटनाक्रम को पत्रावली पर नहीं लेने का अदालत में आरोप लगाया, लेकिन पटवारी का यह तर्क उसे निर्दोष साबित करने के लिए बेअसर रहा