लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में विधायकों के वेतन बढ़ाने का विधेयक गुरुवार को सर्वसम्मति से पारित हो गया। अब सूबे के प्रत्येक विधायक को हर माह एक लाख 95 हजार रुपए वेतन और भत्ते के रूप में मिलेंगे।
मानसून सत्र के अंतिम दिन सदन में दो विधेयक और पारित हुए। इसके बाद विधानसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई।
प्रदेश की सपा सरकार ने बढ़ती महंगाई के मद्देनजर राज्य विधानमंडल (विधानसभा और विधान परिषद) के सदस्यों के वेतन व भत्तों में बढ़ोतरी का फैसला लिया था।
सरकार के इस फैसले को लागू करने के लिए संसदीय कार्यमंत्री मो आजम खान ने बुधवार को विधानसभा में उत्तर प्रदेश राज्य विधानमंडल सदस्यों की उपलब्धियों और पेंशन, संशोधन विधेयक 2016 पेश किया था।
इस विधेयक को पारित कराने के लिए सदन की कार्यवाही एक दिन के लिए बढ़ा दी गई थी। पिछले दिनों मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद के सदस्यों की सैलरी बढ़ाने का बिल भी सदन में पेश किया गया था।
इस विधेयक में विधानमंडल सदस्यों के मूल वेतन में ढाई गुना की वृद्धि का प्रस्ताव है। वर्तमान में विधानमंडल के दोनों सदनों के सदस्यों का मूल वेतन दस हजार रुपए है, जिसे बढ़ाकर 25 हजार रुपए प्रति माह कर दिया गया है।
इसी प्रकार निर्वाचन क्षेत्र भत्ते को हर माह 30 हजार से बढ़ाकर 50 हजार किया गया है। चिकित्सा भत्ते को 20 हजार से बढ़ाकर 30 हजार और सचिव भत्ता 15 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये कर दिए जाने का प्रस्ताव है।
विधेयक में मौजूदा विधायकों को मिलने वाले रेल कूपन भत्ते को सालाना 3.25 लाख रुपए से बढ़ाकर 4.25 लाख रुपए कर दिए जाने की व्यवस्था की गई है, जिसमे से मासिक 25 हजार रुपये तक की धनराशि निजी वाहन के डीजल, पेट्रोल के लिए ली जा सकेगी।
विधायकों को सदन की बैठक में भाग लेने के लिए अब प्रतिदिन एक हजार के बदले दो हजार रुपये दैनिक भत्ता मिलेगा, जबकि विधायी समितियों की बैठक में दैनिक भत्ते की राशि 800 से बढाकर 1500 रूपये करने का प्रस्ताव है।
अब हर विधायक को प्रत्येक माह एक लाख 25 हजार रुपये वेतन व भत्ते के रुप में मिलेंगे। लेकिन, इसमें कंडीशनल भत्तों को जोड़ने पर यह धनराशि करीब एक लाख 95 हजार रुपये होगी।
पूर्व विधायकों की पेंशन भी ढाई गुना
सरकार ने पूर्व विधायकों की पेंशन राशि में ढाई गुना की बढ़ोतरी करते हुए उसे प्रतिमाह 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर देने और विधायक के रूप में हर अतिरिक्त वर्ष के लिए बढ़ोतरी की जाने वाली राशि एक हजार से बढ़ाकर दो हजार रुपए कर दी गयी है।
पूर्व विधायकों को मिलने वाले रेल कूपन की राशि सालाना 80 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने का प्रस्ताव है, जिसमें से 50 हजार रुपये निजी वाहन के डीजल, पेट्रोल के वास्ते लिए जा सकते हैं।
सरकारी खजाने पर सालाना 128 करोड़ का भार
विधेयक को विधानसभा में प्रस्तुत करते हुए संसदीय कार्यमंत्री ने बताया था कि विधानमंडल के सदस्यों तथा पूर्व सदस्यों के वेतन, पेंशन और अन्य भत्तों की प्रस्तावित बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर सालाना 128 करोड़ 89 लाख रुपये का व्यय भार आएगा।