नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल के उच्चतम न्यायालय में संघ से संबंधित बयान पर सवाल खडा करते हुए कहा कि क्या वह सच्चाई का सामना करने से डरते हैं।
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने गुरूवार को ट्वीट कर कहा कि यदि ऐसा है तो फिर क्यों राहुल गांधी पिछले दो सालों से किसी न किसी बहाने से सुनवाई से बचते रहे? क्या उन्हें सच्चाई का सामना करने से डर लगता है? वह यू-टर्न लेते रहते हैं।
राहुल गांधी के वकील कपलि सिब्बल ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि वह महात्मा गांधी की हत्या को लेकर आरएसएस पर दिए गए बयान पर कायम है। राहुल ने कोर्ट से वह याचिका भी वापस ले ली है जिसमें मानहानि के मामले को खारिज करने की मांग की थी।
वहीं कांग्रेस ने कहा कि राहुल गांधी हमेशा आरएसएस को लेकर दिए गए अपने बयान पर कायम रहे हैं। चाहे वह पहले की बात हो, आज की या फिर भविष्य की बात हो।
उल्लेखनीय है कि गत माह राहुल गांधी ने कहा था कि उन्होंने संघ को कभी ऐसी संस्था के रूप में जिम्मेदार नहीं ठहराया, जिसने महात्मा गांधी की हत्या की। इसके अगले ही दिन उन्होंने ट्वीट कर कहा था, मैं आरएसएस के नफरत और विभाजनकारी नीति के खिलाफ लड़ना बंद नहीं करूंगा। मैं अपने कहे एक-एक शब्द पर कायम हूं।
उन्होंने टविटर पर 2014 में लोकसभा चुनाव दौरान भिवंडी में एक सभा की वीडियो क्लिप भी शेयर की है जिसमें उन्होंने कहा था, ‘आरएसएस के लोगों ने गांधीजी को गोली मारी और आज उनके लोग गांधीजी की बात करते हैं।
राहुल गांधी मानहानि मामले में अपने बयान से पीछे नहीं हटेंगे: सिब्बल
मानहानि का मुकदमा झेल रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी महात्मा गांधी की हत्या को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में दिए अपने बयान से पीछे नहीं हटेंगे। इसके साथ ही राहुल गांधी इस मामले में केस लड़ेंगे। इससे पहले उन्होंने केस को खत्म करने की अपील की थी।
सर्वोच्च न्यायालय में गुरुवार को राहुल गांधी के वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने एक फिर दोहराया है कि राहुल अपने उस बयान पर कायम हैं कि संघ के लोगों ने ही गांधी जी की हत्या की और वो मुकदमा लड़ने के लिए तैयार हैं।
अदालत में सिब्बल ने कहा कि राहुल अपना ‘संघ के लोगों ने गांधीजी को गोली मारी’ वाला बयान वापस नहीं लेंगे और वो निचली अदालत में मानहानि मुकदमा लड़ने को तैयार हैं। राहुल गांधी को इस मामले में भिवंडी ट्रायल कोर्ट में पेश होना पड़ेगा।
अदालत ने कहा है कि इस मामले में उन्हें पेशी में छूट नहीं मिलेगी। वहीं संघ ने कहा कि राहुल गांधी का मकसद संघ को बदनाम करना है।
इससे पहले भी राहुल गांधी ने कहा था कि घृणा और बंटवारे के आरएसएस के अजेंडे के खिलाफ मेरी लड़ाई कभी भी बंद नहीं होगी। उन्होंने आरएसएस को कभी ऐसी संस्था के रूप में जिम्मेदार नहीं ठहराया, जिसने महात्मा गांधी की हत्या की है।