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best muhurat for ganesh sthapana and puja
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गणेश स्थापना के लिए श्रेष्ठ है प्रात: काल मुहूर्त

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गणेश स्थापना के लिए श्रेष्ठ है प्रात: काल मुहूर्त
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भोपाल/ब्यावरा। मध्यप्रदेश में सभी जगह गणेशोत्सव का दस दिवसीय पर्व मनाने के लिए गणेश भक्तों और मंडलों द्वारा व्यापक तैयारियां की जा रही हैं।

विक्रम संवत मुताबिक आने वाले भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष 5 सितम्बर में पडऩे वाली गणेश चर्तुथी के दिन भगवान श्री गणेश की प्रतिमा की स्थापना कर दशमी और अनंत चतुर्दशी तक भगवान श्री गणेश की आर्कषक झांकियां सजाकर उनकी पूजा अर्चना की जाएगी।

गणेश भगवान बुद्धि के देवता माने जाते हैं, इस कारण गणेशोत्सव पर्व के दौरान भक्तों और मंडलों द्वारा अपने क्षेत्र में कई साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। इस बार श्री गणेश स्थापना करने वाले भक्तों को शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना होगा, क्योंकि इस दिन भद्रा नक्षत्र होने के कारण बाकी समय शुभ नहीं माना जा रहा है।

भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष में चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश की प्रतिमा स्थापित की जाती है। मगर इस दिन नक्षत्रों का कुछ ऐसा संयोग बना है कि भक्तों व मंडलों को शुभ घड़ी का विशेष ही ध्यान रखना होगा। इस बार चतुर्थी पर भद्रा नक्षत्र आने से गणेश प्रतिमा करने के लिए केवल प्रात: काल का ही मुहुर्त श्रेष्ठ है।

पंडित कपिल कुमार शर्मा धानियाखेड़ी हबीपुरा आश्रम ने बताया कि चर्तुथी के दिन इस बार भद्रा का नक्षत्र होने से प्रात: काल का समय ही सबसे अधिक शुभ है। यदि इस घड़ी में प्रतिमा की स्थापना नहीं की गई तो पूरे दिन स्थापना करने की योग नहीं आएगा। ऐसी स्थिति में भक्तों और मंडलों को दूसरे दिन तक प्रतिमा स्थापित करने का इंतजार करना होगा।

श्री शर्मा के मुतसबिक चर्तुथी के दिन सुबह 6:48 से 8:18 बजे तक भगवान श्री गणेश की प्रतिमा स्थापित कर सकते है। इसके बाद दूसरा मुहूर्त भी 9:48 बजे से लेकर 11:18 बजे तक है। शर्मा ने गणेश भक्तो को सलाह दी कि वे एक दिन पूर्व प्रतिमा लेकर आ जाए ताकि सुबह पूजा अर्चना कर विधि विधान पूर्वक भगवान प्रतिमा स्थापित की जा सके।