रामदेवरा/जयपुर। पश्चिमी राजस्थान के कुम्भ माने जाने वाले बाबा रामदेवरा मेले में आस्था का ज्वार चलता ही जा रहा है। मेले के दूसरे दिन रविवार भादवासुदी तृतीया पर अपने ईष्ठदेव रामसापीर की समाधि के दर्शन करने के लिए सुबह से भक्तों का तांता लगा रहा।
रुणैचा नगरी में मेलार्थियों की दिनभर रैलमपेल बनी रही एवं भक्तजन लाईन में खड़े होकर अपनी बारी -बारी से बड़ी आस्था के साथ बाबा की समाधि के दर्शन कर रहे हैं। पूरी रुणैचा नगरी बाबा तेरी ’जय बोलेगें -छोटे-मोटे सब बोलेगें ’ के साथ ही अनेक नारों से गुंजायमान हो उठी।
दूसरे दिवस भी पैदल यात्री भी छोटे-छोटे संघ के रुप में रुणैचा नगरी पहुंचे। आस्था का ज्वार वास्तव में बाबा के श्रृद्धालुओं में इतना हैं कि वे दूर-दूर से पैदल की थकान को भी महसूस नहीं कर रहे हैं।
यहां तक कि आस्था इतनी हैं कि महिलाएं अपने नन्हे-मुन्ने बालको को गोद एवं कंधों पर बैठा कर कतार में खडी होकर बाबा की समाधि के धोक लगाने में आतुर नजर आ रही है।
तृतीया को दूसरे दिवस मध्यप्रदेश, गुजरात, पंजाब, हरियाणा के साथ ही समूचे राजस्थान से बाबे के भक्तजन रेलों, बसों एवं निजी वाहनों के माध्यम से रुणैचा नगरी पहुंचे।
भक्तों ने बाबा की समाधी के दर्शन करने के बाद डालीबाई के मंदिर, परचा बावड़ी, गुरुद्वारा, झूला-पालना के भी दर्शन किए। यहां आने वाले यात्रियों ने रामसरोवर तालाब में डूबकी लगा कर अपनी यात्रा को पूर्ण माना।
मेलाधिकारी के.आर. चौहान ने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार तृतीया को भी लगभग एक लाख से अधिक मेलार्थियों के बाबा की समाधि के दर्शन का लाभ प्राप्त किया है।