सबगुरु न्यूज़-सिरोही। आमतौर पर रिटायरमेंट के बाद घर, परिवार और समाज में अपनी ही पीढ़ी के लोगों के साथ एकाकी जीवन जीते हुए समय निकलने वाले दादा, दादी, नाना और नानियों को उनके नाती-पोतों के बीच उनकी स्कूल में समय बिताने का मौका मिला तो उन्हें वो उनके विशेष होने का अहसास हुआ।