आगरमालवा। दस दिनों तक चलने वाले प्रथम पूज्य मंगलमूर्ति सिद्धिविनायक भगवान श्रीगणेशजी की आराधना का पर्व सोमवार को गणेश चतुर्थी के साथ घरों, दफ्तरों, प्रतिष्ठानों और सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिमाओं की स्थापना के साथ शुरू हो गया है।
गणेशोत्सव के चलते आगरमालवा जिला मुख्यालय के साथ ही सुसनेर, नलखेड़ा, सोयतकलां, बड़ौद, तनोडिया, पिपलोन, कानड़ सहित जिले के विभिन्न गणेश मंदिरों में सुबह से ही श्रृद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है।
वही आगरमालवा जिला मुख्यालय के मोतीसागर तालाब के समीप स्थित चिन्ताहरण गणेश मंदिर को आकर्षक रूप से सजाया गया है यहां सध्यांकालीन आरती में बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते है। गणेश चतुर्थी को दगड़ा या डग़लिया चौथ भी कहा जाता है।
ऐसी मान्यता है कि आज रात्रि में चंद्रमा देखने से चोरी का झूठा कलंक लगता है, इसलिये अंधेरा होते ही रात्रि में लोग आसपास के घरों की छतों पर गुपचुप तरीके से पत्थर फेंकने की भी परम्परा हैं जिससे चन्द्रमा देखने से लगने वाले कलंक का दोष निवारण होता है।