राजस्थान हाईकोर्ट ने लगाई फटकार व दिए सख्त निर्देश
जयपुर।राजस्थान सरकार की ओर से डायन व मोताणा (दुघर्टना करने वाले के घर के सामने शव रखकर पैसे मांगना) पर कानून बनाने को लेकर बरती जा रही सुस्ती पर राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरूवार को कड़ी नाराजगी जताई। हाईकोर्ट ने सख्त निर्देश देते हुए राज्य सरकार को चेताया कि अगले वर्ष 11 फरवरी तक डायन व मोताणा पर सख्त कानून पारित नहीं किया गया, तो राजस्थान को महिला अधिकारियों के मामले में असंवेदनशील व पिछड़ा राज्य घोषित कर दिया जाएगा।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुनील अम्बवानी की खण्डपीठ स्व मोटो पीआईएल की सुनवाई कर रही थी। सुनवाई के दौरान खण्डपीठ ने फटकार लगाते हुए कहा कि डायन और मोताणा जैसी कुप्रथाओं व घटनाओं पर राज्य सरकार कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रही है। राज्य सरकार ऐसी घटनाओं को लेकर गम्भीर व संवेदनशील नजर नहीं आ रही। खंडपीठ ने पिछली सुनवाई में राजस्थान में फरवरी 2011 से लेकर अब तक डायन व मोताणा की घटनाओं पर राजस्थान सरकार से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी थी। राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को घटनाओं के आंकड़े पेश किए, लेकिन कार्रवाई के बारे में अदालत को नहीं बताया। इस कारण अदालत ने नाराजगी व्यक्त की।डायन और मोताणा जैसी कुप्रथाएं राजस्थान के आदिवासी क्षेत्रों में व्याप्त हैं। जानकारी के अनुसार फिलहाल राजस्थान में डायन मामलों को लेकर वर्ष 2011 से कानून तैयार है, लेकिन अब तक विधानसभा में पारित नहीं हो सका है।