लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक चौकाने वाली घटना सामने आयी है। यहां के नवनियुक्त मंत्री जियाउद्दीन रिज़वी दो माह बीतने के बावजूद अभी तक पद व गोपनीयता की शपथ नहीं ले सके हैं।
राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को इस सम्बंध में अब तक की गई कार्यवाही जानने के लिए मंगलवार को पत्र लिखा है। पहले भी राज्यपाल इस सम्बंध में मुख्यमंत्री को दो बार पत्र लिख चुके हैं।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 27 जून को अपने मंत्रिपरिषद का विस्तार किया था। पांच नवनियुक्त मंत्रियों व राज्यमंत्रियों में से चार को राज्यपाल राम नाईक द्वारा उसी दिन पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई थी। नवनियुक्त मंत्री जियाउद्दीन रिज़वी विदेश में होने के कारण उस समय शपथ ग्रहण नहीं कर सके थे।
इसी प्रकार 14 जुलाई को उत्तर प्रदेश नगर पालिका वित्तीय संसाधन विकास बोर्ड के नवनियुक्त चार सदस्यों में से केवल तीन सदस्यों ने ही राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में शपथ ग्रहण की। एक सदस्य श्रीप्रकाश सिंह द्वारा समारोह में उपस्थित होते हुए भी ‘अपरिहार्य कारण‘ से शपथ ग्रहण नहीं की गई थी।
इन दोनों प्रकरणों में राज्यपाल राम नाईक ने पहले 29 जुलाई फिर 16 अगस्त को दो बार पत्र लिखकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पूछा कि नवनियुक्त मंत्री जियाउद्दीन रिज़वी एवं नगर पालिका वित्तीय संसाधन विकास बोर्ड के सदस्य पद पर नामित श्रीप्रकाश सिंह अब तक शपथ क्यों नहीं ग्रहण कर सके।
राज्यपाल ने नवनियुक्त मंत्री एवं बोर्ड के सदस्य के शपथ ग्रहण के सम्बंध में राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयास से भी अवगत कराने को कहा था।
मंगलवार को राज्यपाल ने इस सम्बंध में मुख्यमंत्री को तीसरी बार पत्र लिखा है। इस बार उन्होंने लिखा है कि नवनियुक्त मंत्री जियाउद्दीन रिज़वी एवं बोर्ड के सदस्य पद पर नामित श्रीप्रकाश सिंह के शपथ ग्रहण के सम्बंध में राज्य सरकार ने अब तक क्या कार्यवाही की है, उससे उन्हें अवगत कराया जाए।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री का संज्ञान उत्तर प्रदेश नगर पालिका वित्तीय संसाधन विकास बोर्ड के अध्यक्ष के कार्यकाल समाप्त होने पर भी आकृष्ट करते हुए नए अध्यक्ष के चयन के सम्बंध में कार्यवाही के लिए भी कहा है। दरअसल बोर्ड के अध्यक्ष कपिल देव थे लेकिन उनका कार्यकाल 31 जुलाई को समाप्त हो गया।