अजमेर। प्रारम्भिक शिक्षा मातृभाषा में पढाई करने से समाज, संस्कार व सनातन संस्कृति की जानकारी मिलती है, जिससे विद्यार्थी समाज के खानपान सभ्यता का ज्ञान प्राप्त कर अपना समाज में नाम रोशन करता है।
ये उदगार ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम के महन्त स्वरूपदास ने अजयनगर सिन्धी समाज की ओर से आयोजित होनहार विद्यार्थियों के सम्मान समारोह में वयक्त किए।
इस अवसर पर अजमेर सिन्धी सेन्ट्रल महासमिति के अध्यक्ष नरेन शाहनी भगत, भारतीय सिन्धु सभा के प्रदेश महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, पार्षद मोहन लालवाणी ने सम्बोधित करते हुए कि पढाई के साथ तकनीकी शिक्षा का अध्ययन भी करना चाहिए एवं प्रशासनिक पदों के लिए भी तैयारी करनी चाहिए।
कार्यक्रम का शुभारम्भ ईष्टदेव झूलेलाल, मां सरस्वती, श्रीचन्द्र की मूर्ति पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर किया गया। स्वागत भाषण अध्यक्ष भगवान कलवाणी व आभार उतम गुरूबक्षाणी ने दिया। संगठन की गतिविधियां सचिव लक्षमण रूपाणी ने दिया।
माध्यमिक व उच्च माध्यमिक में 75 प्रतिशत व स्नातक स्तर में 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले अजयनगर के 78 सिन्धी प्रतिभावन विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र व श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। गणपति स्थापना व शिक्षक दिवस की जानकारी जगदीश अभिचंदाणी ने दी।
कार्यक्रम में भगवान पुरसवाणी, शंकर सबनाणी, रमेश कल्याणी, भगवान साधवाणी, भगवान श्रीमलाणी सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।