झांसी। पुलिस अधीक्षक (शहर) से रु-ब-रु होते हुए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का एजेंट एजाज अपने आप को रोक न सका। उसने वह सब बयां कर दिया जो उसके जीवन में घटित हुआ था।
उसने बताया कि उसे इस दलदल में धकेलने वाला और कोई नहीं कराची में रहने वाला उसका अपना मामा था, जिसने रुपए की लालच में उसे आईएसआई का एजेंट बना दिया।
एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि पूछताछ में पकड़े गए आतंकी एजाज ने बताया कि वह हाईस्कूल फेल है। प्रारंभिक दौर में वह बिल्डिंग बनाने का कार्य करता था। 5-6 वर्ष पूर्व वह पाकिस्तान के करांची स्थित गुलशन इकबाल काॅलोनी निवासी अपने मामा मोहम्मद अकलीम से मिलने गया था।
उसने उसे कहा कि कहां फंसा है। तुझे तो मैं करोड़पति बना सकता हूं। तुझे बस छोटा मोटा काम करना होगा। सोच ले। एजाज के मन में लालच आ गया और उसने मामा अकलीम की बात स्वीकार ली। मामा ने उसे आईएसआई एजेंट बनवा दिया।
उसके बाद से उसने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। उसे आतंकियों तक पैसा पहुंचाने का कार्य दिया गया। इसे उसने बखूबी निभाया भी। उसे सेना के अधिकारियों से जान पहचान बनाकर उनसे मोटी रकम के बदले गोपनीय सूचनाएं एकत्र करने और उन्हें पाकिस्तान की आईएसआई एजेंसी तक भेजने के लिए इस्तेमाल किया गया।
उसने स्वीकार किया कि उसने नायाब सूबेदार इन्द्रपाल सिंह से खुफिया जानकारी लेकर उन्हें पाकिस्तान तक भेजा। बदले में उसने उसके बैंक खाते में रुपए भी भिजवाए। ये रुपए दरियागंज दिल्ली स्थित आईसीआईसीआई के खाते में डाले गए थे। इसके अलावा संदीप मिश्रा व रविन्द्र को भी पैसे भेजने का काम उसने किया।
फूफी का बेटा बदलता था दुबई के सोने को रुपयों से
एजाज अपने रिश्तेदार और पड़ोसियों को भी इस दलदल का एक मोहरा बताया। उसने बताया कि दुबई से उसे रुपयों के स्थान पर शुद्ध सोना दिया जाता था। जिसे उसकी फूफी का बेटा साजिद रुपयों में बदलता था। इसके बदले उसका भी भला हो जाता था। यही नहीं उसने बताया कि उसके दिल्ली स्थित घर के समीप रहने वाले अदीम व रिजवान खान भी उसके कार्य में उसकी मदद करते थे।