बोकारो। संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से आयोजित भू-वैज्ञानिक (जियोलाजी) परीक्षा में पूरे देश में अव्वल स्थान पाने वाली अन्नपूर्णा इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती है।
पिता चास निवासी देवव्रत झा और अनिता झा ने बचपन से लेकर आज सफलता के इस मुकाम तक, हर कदम पर उसका साथ दिया है। शुरू से ही उन्होंने उसे पढ़ाई में हरसंभव सहयोग किया है। बता दें कि चाहे भले ही वे कितनी ही परेशानियों में क्यों न रहे हों, लेकिन तमाम मुसीबतों के बावजूद उन्होंने अपनी पुत्री की पढ़ाई में कोई कमी नहीं होने दी।
गौरतलब है कि अन्नपूर्णा प्रारंभ से ही पढ़ाई में अव्वल रही है। झारखंड बोर्ड से मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास कर बोकारो महिला कॉलेज से इंटर और स्नातक (भौतिकी प्रतिष्ठा) की पढ़ाई उसने पूरी की। हर बार वह कॉलेज की टॉपर छात्रा ही रही है।
एक बार फिर से राष्ट्र स्तर की सफलता मिलने पर चास और उनके पैतृक गांव चंदनकियारी में खुशी का माहौल है। यह परीक्षा बीते मई माह में हुई थी, जिसमें देशभर से हजारों अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
लिखित परीक्षा के बाद साक्षात्कार में कुल 47 अभ्यर्थी चयनित हुए, जिसमें अन्नपूर्णा को पहला स्थान प्राप्त हुआ। अन्नपूर्णा शुक्रवार को विशेष बातचीत कर रही थी। अन्नपूर्णा ने बताया कि उसकी दिली ख्वाहिश एक आईएएस अधिकारी बनने की है।
परिवार में एक भाई, एक बहन में छोटी अन्नपूर्णा की इच्छा है कि वह आगे देश सेवा के लिए यूपीएससी की ओर से आयोजित सिविल सेवा परीक्षा पास करे। इसके लिए अन्नपूर्णा अब अपने कार्य के साथ पढ़ाई भी जारी रखेगी।