भागलपुर। बिहार के विभिन्न जेलों में गत 11 साल से बंद पूर्व बाहुबली सांसद शहाबुद्दीन बाहर निकल आए हैं। हत्या के आरोप में जमानत मिलने के बाद शहाबुद्दीन को शनिवार को जेल से रिहा किया गया।
बाहुबली शहाबुद्दीन को लेने प्रदेश के कई विधायक पहुंचे। इसके साथ ही बड़ी संख्या में लोग भी पहुंचे हैं और सैकड़ों कारों का काफिला भी। जेल से निकल कर शहाबुद्दीन ने कहा कि उन्हें फंसाया गया है। साथ ही कहा कि दहशत की बात एक-दो लोग ही कहते हैं।
जेल से रिहा होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में शहाबुद्दीन ने कहा कि वह अपनी छवि नहीं बदलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 26 सालों से लोगों ने उन्हें उसी रूप में स्वीकार किया है तो वह अपनी छवि क्यों बदलें।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें फंसा कर जेल में डाला गया था। उन्होंने कहा कि उन्हें कोर्ट ने रिहा किया है और इसमें कोई राजनीति की बात ही नहीं। शहाबुद्दीन के अनुसार उन्हें कोर्ट ने जेल भेजा था, कोर्ट ने बाहर कर दिया।
इसके साथ ही भाजपा नेता सुशील मोदी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि उन्हें कोई गंभीरता से नहीं लेता है। बिहार से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार परिस्थितिवश हमारे नेता है।
उनके अनुसार उसका नेता कौन है, इस बारे में पूरा देश और राज्य जानता है। शहाबुद्दीन ने लालू यादव का नाम नहीं लिया लेकिन इशारा उन्हीं की ओर था।
एक खास परिवार के दहशत में होने के बारे में पूछे गए सवाल के बारे में शहाबुद्दीन ने कहा कि वह उन्हें नहीं जानते है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 22 लाख लोग इस शहर में रहते हैं और सबको वह खुश नहीं कर सकते लेकिन, उनकी रिहाई से खुश होने वालों की संख्या काफी ज्यादा है।
हमारे सीवान संवाददाता ने बताया कि सीवान प्रशासन ने शहाबुद्दीन के जेल से बाहर आने की खबर मिलते ही जिले में सेना की चौकसी बढ़ा दी है। चौक-चौराहों पर पर अतिरिक्त बलों की तैनाती के अलावा गश्त भी तेज कर दी गई है। शहाबुद्दीन के करीब 1300 गाड़ियों के काफिले के साथ अपने गढ़ सीवान पहुंचने की खबर है।
गौरतलब है कि दो भाइयों की तेजाब से नहलाकर हत्या करने और बाद में हत्याकांड के इकलौते गवाह उनके तीसरे भाई की हत्या के मामले में शहाबुद्दीन भागलपुर जेल में बंद थे।
दोहरे हत्याकांड में लिप्त आरोपी हाईकोर्ट से फरवरी में ही जमानत पा चुका था और अब गवाह की हत्या के मामले में भी बुधवार को शीर्ष अदालत ने उसकी जमानत मंजूर कर ली। ऐसे में शहाबुद्दीन की जमानत के बाद बिहार की राजनीति गर्म हो गई है।
नीतीश की सत्तारूढ़ पार्टी फिलहाल इस मामले पर कुछ भी कहने से बच रही है। विपक्षी भाजपा ने आरोप लगाया है कि लालू यादव से नजदीकी के चलते सरकार ने उनका केस कमजोर कर दिया, जिसके चलते जमानत मिल गई।
शहाबुद्दीन के बाहर आने से की खबर के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी का कहना है कि जंगल राज को बढ़ावा देने वाले शहाबुद्दीन के बाहर आने की खबर से लोग सहमे हुए हैं। सुशील मोदी ने कहा है कि लालू के दबाव में नीतीश ने केस को कमजोर कर दिया।