नई दिल्ली । बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने एक टीवी कार्यक्रम के दौरान कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करना पड़ा तो जरूर करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है।
नीतीश ने सवाल के जवाब में कहा कि उनकी नरेंद्र मोदी से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है। जिस वक्त उनकी चुनाव में हार हुई और इस्तीफे की मांग उठी उन्होंने नैतिकता के तहत इस्तीफा दे दिया लेकिन अब लोग उन्हें नयी तरह से घेरने में लगे हैं।
ऐसा बिल्कुल नहीं है कि वे इस्तीफा इस कारण दिये कि उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री रहते प्रधानमंत्री का स्वागत करना पड़ता। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई विचारधारा की लड़ाई है।उन्होंने अपनी बात कही और वे भी अपनी बात कहे लेकिन उन्होंने अपनी बात इस तरह कही कि उनकी बात लोगों तक ज्यादा पहुंची।
इसका मतलब यह नहीं कि उनकी विचारधारा की हार हो गयी। इस मौके पर उन्होंने प्रधानमंत्री के उन वादों का भी जिक्र किया जिसमें मोदी ने चुनावी सभा के दौरान कालाधन वापस आने के बाद हर व्यक्ति के खाते में पंद्रह-सोलह लाख रुपये जमा कराने की बात कही थी।
नीतीश ने मोदी के उन वादों पर निशाना साधते हुए कहा कि अब वे अपना वादा निभाये और पैसे कैश में देंगे या चेक देंगे यह वे तय करें। अगर उन्होंने चुनावी सभा में जनता से तारे तोड़कर लाने की बात कही है तो वह कर के दिखाना होगा। यह पहली बार है जब किसी पार्टी को एक तिहाई वोट मिला और वह बहुमत का आकड़ा पार करने में सफल रही है।