उज्जैन। आगर मार्ग पर घट्टिया थानांतर्गत जैथल ग्राम के समीप पुलिया पर ट्रक और डम्पर की सीधी भिड़ंत में 8 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि 23 लोग घायल हो गए।
इन घायलों में आधा दर्जन को गंभीर अवस्था में उपचार हेतु इंदौर रैफर किया गया। शेष घायलों में से अब केवल तीन का उपचार जिला अस्पताल उज्जैन में जारी है। मुख्यमंत्री ने तत्काल आर्थिक सहायता घोषित की और घटना पर शोक जताया।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना शनिवार तडक़े करीब 4.30 बजे के बीच की बताई जाती है। अलीराजपुर क्षेत्र से मवेशी लेने के लिए नलखेड़ा जाने हेतु ट्रक में ये लोग सवार हुए थे। इधर मुरम से भरा डम्पर तेज रफ्तार से आ रहा था।
पुलिया के समीप सीधी भिड़ंत में यह घटना हो गई। घटना इतनी भीषण थी कि मौके पर ही 8 लोगों की मौत हो गई। जानकारी लगने पर पुलिस बल तथा जिला अस्पताल की टीम मौके पर पहुंची। क्षेत्र के लोगों ने भी मदद की। हादसे की जानकारी लगने पर उज्जैन कलेक्टर संकेत भोंडवे ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
दर्दनाक सडक़ हादसे में मृतकों एवं घायल हुए परिवारों के प्रति अपने शोक संदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संवेदना व्यक्त करते हुए आर्थिक सहायता घोषित की है। इस अनुसार मृतकों के निकटतम परिवारों को शासन द्वारा 2-2 लाख रुपए दिए जाएंगे।
वहीं दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुए पीडि़त परिवारों को 50-50 हजार रुपए तथा सामान्य रूप से घायलों के परिजनों को 25-25 हजार रुपए प्रदान किए जाएंगे। ज्ञात रहे घटना की खबर लगते ही कलेक्टर संकेत भोंडवे घटना स्थल पर पहुंचे और घटना की जानकारी मुख्यमंत्री को दी।
सीएमएचओ प्रदीप व्यास ने बताया कि सडक़ दुर्घटना में आठ लागों की मृत्यु हुई है। मृतकों में अधिकांश अलिराजपुर जिले के निवासी हैं। गंभीर रूप से घायल पांच लोगों को इंदौर रैफर किया गया है, वहीं सामान्य रूप से घायलों में तीन का उपचार जिला चिकित्सालय उज्जैन में किया जा रहा है।
मृतकों के नाम जीवानसिंह बल्लू (40 वर्ष), कमल(20 वर्ष), सुनील कमरिया(17 वर्ष), दिकलीया कमरिया(25 वर्ष), डुकू भंगड़ा(25 वर्ष), जुबानसिंह प्रेमलिया(33 वर्ष) व दुरिचा सुरला(25 वर्ष) है। उन्होने बताया कि एक मृतक का नाम अज्ञात है।
आगर मार्ग पर ग्राम जैथल ग्राम के समीप ट्रक और डम्पर की सीधी भिड़ंत में 8 लोगों की मौत और 23 लोगों के घायल होने की जानकारी लगते ही कलेक्टर संकेत भोंडवे सक्रिय हो गए। उन्होंने तत्काल एडीएम जयंत जोशी को जिला अस्पताल पहुंचने के निर्देश दिए वहीं सिविल सर्जन डॉ. एनके त्रिवेदी को अस्पताल में अलर्ट घोषित करने को कहा।
कलेक्टर की इस सक्रियता के चलते जिला अस्पताल में लंबे समय बाद किसी दुर्घटना के बाद अस्पताल के चिकित्सकों, ऑपरेशन थियेटर, पेरामेडिकल स्टॉफ के बीच इतनी सक्रियता देखने को मिली। घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा मुहैया होने पर मृतकों की संख्या आगे नहीं बढ़ी। गंभीर रूप से घायलों को इंदौर रैफर किया गया। इधर जिला अस्पताल में शेष बचे तीन लोग भी खतरे से बाहर हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार घटनास्थल पर ट्रक की हालत इतनी खराब हो गई थी कि उसमें फंसे शवों को निकालने के लिए मशक्कत करना पड़ी। जहां सडक़ पर दोनों ओर जाम लगा हुआ था वहीं इस जाम के बीच से घायलों को लेकर एम्बुलेंस निकल रही थी।
कुछ घायल दुर्घटनाग्रस्त हिस्से में फंसे होने के कारण चीख पुकार भी मचा रहे थे। उन्हें भी जैसे-तैसे बाहर निकाला गया। अस्पताल में भी कुछ समय अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।
पुलिस के अनुसार ट्रक चालक और क्लीनर मौके पर नहीं मिले, न ही घायलों में दिखे। संभावना व्यक्त की गई कि ये दोनों फरार हो गए हैं। पुलिस ने अपनी जांच के घेरे में इस बात को भी लिया है कि ट्रक में भरी मुरम का परिवहन वैध रूप से किया जा रहा था या अवैध रूप से। बताया जाता है कि उक्त ट्रक उज्जैन के महानंदानगर निवासी का है। हालांकि पुलिस द्वारा नाम स्पष्ट नहीं किया गया था।
ये हुए दुर्घटना में घायल
घायलों में दिलीप लोंग, सुरेश गोठिया, सुखलाल पिता छगन कोदरी, गणेश पिता रतन, जग्गू पिता काकरिया, रतनसिंह पिता लालसिंह और धतरसिंह पिता लालसिंह, पप्पू पिता रामसिंह, वेरसी पिता थावरिया, सुरला पिता वेस्ता, कोलम पिता दशम, भोला पिता गुलाबसिंह, सादकेश पिता जुवानसिंह, कमल पिता दशम, थानसिंह पिता लालसिंह, जग्गू पिता कावरिया, छतरसिंह, सुल्तान पिता छगन, देवीसिंह पिता रायसिंह, अंकित पिता रतनिया, मंगलू पिता ओलसिंह, सुरपाल पिता मिट्ठू, लूलू पिता जगनिया है। इनमें से पांच को उपचार के लिए इंदौर भेजा, शेष को उज्जैन में उपचार देकर रवाना किया गया। अब केवल तीन घायलों का उपचार जिला अस्पताल में जारी है।