नवसारी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से दिव्यांगों को देखने का नजरिया बदलने का आह्वान करते हुए कहा कि दिव्यांगों में क्षमता और आत्मविश्वास की कमी नहीं है। दिव्यांग दया-भाव नहीं बल्कि स्वाभिमान से जीते हैं। वह हमसेे बराबरी का व्यवहार मांगते हैं। उन्होंने कहा कि पेराओलंपिक में दिव्यांगों ने चार-चार पदक लाकर अपनी ताकत का अहसास कराया है।
मोदी शनिवार को नवसारी के जमालपोर स्थित गरबा ग्राउंड में केन्द्र सरकार के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की ओर से आयोजित सामाजिक अधिकारिता शिविर में बोल रहे थे। शिविर में दिव्यांगों को साधन-सहायत वितरण किए गए वहीं चार विश्व रिकार्ड भी बनाए गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में दिव्यांगों के इतने बड़े कार्यक्रम में आने का सौभाग्य मिला है। आयोजन में मोदी ने कहा कि केंद्र में संवेदनशील सरकार है, जो पूरी छोटी-छोटी बातों पर विचार कर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पेराओलंपिक में 19 लोगों की टीम गई थी जिसमें से चार लोग पदक जीत कर आए।
यह देखकर लोगों को दिव्यांगों की ताकत का पता चला। उन्होंने कहा कि कोई दिव्यांग को दया भाव से नहीं देखे, वह स्वाभिमान से जीना चाहते हैं। मोदी ने कहा कि वह दिव्यांग शब्द शब्दकोष से नहीं ढूंढ़ा है। हम यदि किसी को विकलांग कहते हैं तो लोगों की नजर उसके खामी वाले अंग पर जाता है, उसकी अपार शक्ति पर नहीं। इस वजह से उन्होंने सरकार को इस शब्द से बाहर आने को कहा।
मोदी ने कहा कि देश में अब तक सांकेतिक भाषा के संकेत अलग-अलग थे। इससे दिव्यांगों को आपस में ही बात करने में दिक्कत होती थी। उन्होंने देश भर में कॉमन साइनिंग के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों वाले लैब बनाकर इसका काम शुरू कराया है। शिक्षकों को भी इसके लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था कराई जा रही है। ऐसा होने पर देश के दिव्यांग विदेशों में भी जाकर एक दूसरे की भाषा समक्ष का संवाद स्थापित कर सकेंगे।
मोदी ने कहा कि सुगम्य भारत अभियान से दिव्यांगों को किसी भवन, सावजनिक स्थलों मे आवाजाही में सरलता होगी। उज्जवला योजना की चर्चा कर उन्होंने सरकार के संकल्प को दोहराया कि तीन साल के भीतर पांच करोड़ गरीब परिवारों को गैस कनेक्शन दिए जाएंगे। अपने जन्मदिन पर लोगों की ढेरों शुभकामनाओं पर उन्होंने कहा कि वह लोगों के आगे सिर झुका कर नमन करते हैं, उनका ऋण स्वीकार करते हैं।
उन्होंने कहा कि देश के इस प्रधानसेवक का निर्माण लोगों ने किया है। मानवत, संवेदना और संस्कार उन्हेें यही से मिले हैं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कई घोषणाएं की। उन्होंने राज्य में दिव्यांगों को सुविधा देने के लिए बिल्डिंगों और सार्वजनिक भवनों को सुगम्य भारत अभियान के तहत तैयार करने की घोषणा की। बिजली बचत के लिए राज्य के शहरों में स्ट्रीटलाइट में टयूबलाइट की जगह एलईडी बल्व लगाने और दिव्यांगों के लिए अलग से खेलमहाकुंभ शुरू करने को कहा।
इससे पूर्व आयोजन में चार विश्व रिकार्ड बनाए गए। इनमें 11,200 दिव्यांगों को साधन-सहायता किट देने, एक हजार दिव्यांगों का ट्राइसाइकिल पर बैठकर हैप्पी बर्थडे पीएम की डिजाइन बनाने, 25 सौ लोगों को हियरिंग एड देने और एक दिन पहले 989 बच्चों का 30 सेकंड के अंदर दीप प्रज्जवलित करने का रिकार्ड शामिल है।
आयोजन में राज्यपाल ओ.पी.कोहली, केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, रामदास अठावले, पुरूषोत्तम रूपाला, विधानसभा अध्यक्ष रमण वोरा, मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा, सांसद सी.आर.पाटिल, प्रभू वसावा, के.सी.पटेल सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
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