नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार के 21 संसदीय सचिव मामले में आम आदमी पार्टी के विधायकों की मुश्किल कम नहीं हुई थी कि इससे पहले चुनाव आयोग ने आप के 27 विधायकों के खिलाफ लाभ के पद के तहत एक और शिकायत पर कार्ऱवाई करते हुए मामले को राष्ट्रपति के पास भेज दिया है।
दरअसल आप के 27 विधायकों पर लाभ के पद पर होने का आरोप है मामले की शिकायत गत जून में चुनाव आयोग को की गई थी।
शिकायतकर्ता कानून के विद्यार्थी विभोर आनंद ने चुनाव आयोग में आरोप लगाया है कि 27 आप विधायक रोगी कल्याण समिति में अध्यक्ष के पद पर होने के नाते लाभ के पद पर हैं। लिहाजा इनकी विधायकी रद्द की जाए।
शिकायत में कहा गया है कि रोगी कल्याण समिति में विधायक सदस्य के तौर पर शामिल हो सकता है लेकिन अध्यक्ष के पद पर नहीं।
रोगी कल्याण समिति एक तरह की सोसाइटी या एनजीओ है जो अस्पताल के प्रबंधन का काम देखती है। इसमें इलाके के विधायक, सांसद, प्रशानिक अधिकारी, स्वास्थ्य अधिकारी शामिल होते हैं।
ख़ास बात यह है कि इन 27 विधायकों में 10 विधायक ऐसे है जो पहले से संसदीय सचिव बनाए जाने पर लाभ के पद के आरोप में विधायकी जाने का खतरा झेल रहे हैं और चुनाव आयोग इनकी सुनवाई कर रहा है।
शिव चरण गोयल- मोती नगर, जरनैल सिंह- तिलक नगर, अलका लांबा- चांदनी चौक, कैलाश गहलोत- नजफ़गढ़, अनिल कुमार, बाजपेई- गांधी नगर, राजेश गुप्ता- वज़ीरपुर, नरेश यादव- मेहरौली, राजेश ऋषि- जनकपुरी, मदन लाल- कस्तूरबा नगर, शरद चौहान- नरेला।
इनके अलावा जिन 17 विधायकों पर कार्रवाई होगी उनमें बन्दना कुमारी- शालीमार बाग, अजेश यादव- बादली, जगदीप सिंह- हरी नगर, एस के बग्गा- कृष्णा नगर, जीतेन्द्र सिंह तोमर- त्री नगर, राम निवास गोयल- शाहदरा, विशेष रवि- करोल बाग, नितिन त्यागी- लक्ष्मी नगर, वेद प्रकाश- बवाना, सोमनाथ भारती- मालवीय नगर, पंकज पुष्कर- तिमारपुर, राजेंद्र पाल गौतम- सीमापुरी, हज़ारी लाल चौहान- पटेल नगर, राखी बिड़लान- मंगोलपुरी, मोहम्मद इशराक- सीलमपुर, कमांडो सुरेंद्र- दिल्ली कैंट, महेंद्र गोयल- रिठाला से विधायक है।