नई दिल्ली। कश्मीर में सीमा नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास बारामूला के उरी सेक्टर में सेना मुख्यालय पर रविवार सुबह हुए आतंकी हमले में 17 जवान शहीद हो गए।
सेना के मुताबिक इनमें से 12 लोग आतंकियों द्वारा बैरक में आग लगाये जाने से जबकि शेष 5 लोग गोलियों से भून कर मार दिए गए। बताया जा रहा है कि इस घटना में मारे गये चारों आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य बताये जा रहे हैं।
डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने बताया कि, उरी में आतंकी हमला करने वाले सभी चारों विदेशी आतंकवादी थे और प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार वे जैश-ए-मुहम्मद के थे। उन्होंने कहा कि, आंतकी अपने साथ भारी मात्रा में गोला-बारुद लेकर आए थे।
चूंकि आतंकवादियों के पास कुछ पाकिस्तानी सामान मिला है इसलिए इस मामले पर उन्होंने पाक डीजीएमओ से बात की है। उरी हमले में 13-14 जवानों की मौत टेंट में आग लगने के कारण हुई। हालात का जायजा लेने के लिए सेना प्रुमख व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर भी श्रीनगर पहुंचे।
भारतीय सेना की उत्तरी कमान ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर आज सुबह उरी में सेना मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज सुबह आतंकियों के समूह ने उरी यूनिट के प्रशासनिक शिविर पर हमला किया।
बताया गया है कि जिस वक्त ये हमला हुआ हमारे जवान टेंट और अस्थायी शिविरों में रह रहे थे। आतंकी आत्मघाती हमलावर बनकर आए थे और उन्होंने इन्हीं टेंटों को निशाना बनाया। आधिकारिक रूप से जानकारी दी गई कि इस हमले में ही 17 जवान शहीद हो गए जबकि 4 आतंकी मारे गए।
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