जयपुर। जयपुर राजपरिवार से जुडी सम्पत्ति राजमहल होटल पर कार्रवाई और निर्माण तोड़ने के मामले में हाईकोर्ट ने जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) से पूछा है कि यह कार्रवाई क्यों की गई और यदि कार्रवाई सही थी तो बाद में गेट क्यों खोले गए।
जयपुर विकास प्राधिकरण ने इस मामले में निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी।
हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले के मामले में जयपुर विकास प्राधिकरण को थोडी राहत जरूर दी है और एक माह में पूर्व वाली स्थिति बहाल करते हुए तोडे गए निर्माण वापस बनाने के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी है, लेकिन प्राधिकरण के यूटर्न पर जवाब मांगते हुए कार्रवाई करने वाले अधिकारियों को शपथ पत्र पेश करने को कहा है।
अब 19 अक्टूबर को मामले की अगली सुनवाई होगी। इसी दिन जेडीए अफसरों को शपथ पत्र पेश कर हाईकोर्ट को यह जवाब देना होगा कि पहले कार्रवाई किस आधार पर की और फिर गेट क्यों खोले गए।