बगदाद। सुन्नी जिहादी ऑर्गेनाइजेशन इस्लामिक स्टेट ने गैर मुस्लिम महिलाओं, लड़कियों, बच्चों के साथ जबरन सेक्स संबंध बनाने, उनको दास बनाने को उचित ठहराया है।
अपने कब्जे वाले क्षेत्रों में आईएसआईएस के आंतकी सदस्य नाबालिग बच्चियों पर भी रहम नहीं कर रहे, उनके साथ सेक्सुअल इंटरकोर्स करने से नहीं चूकते। आईएस ने महिला दासों को लेकर शुक्रवार शाम को बाकायदा पेफलेट बांटे है और उसमें कहा है कि गैर मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को बेचा जा सकता है। उन्हें तोहफे के रूप में दूसरों को भी देने में ऐतराज नहीं है।
आईएस के इस पेफलेट पर मोसुल के एक वासिंदे ने कहा कि अधिकतर लोग आईएसआईउएस के इस कदम से हैरान हैं लेकिन वे इसका विरोध नहीं कर सकते।
सीएनएन की रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएसआईएस के लोग महिलाओं का अपहरण कर बेचते हैं, उनका रेप करते हैं। इतना ही नहीं बल्कि सीरिया और इराक में बच्चों के साथ बर्बरता से पेश आ रहे हैं। शरीया कानून को नहीं अपनाने वालों की हत्या करने से भी गुरेज नहीं करते।
आईएस के लड़ाके अपनी बर्बर हरकतों को जर्नलिस्ट और एडवर्कर के सिर कलम की तरह अल्लाह के नाम पर सही ठहरा रहे हैं। मोसुल में बांटे गए पेफलेट में कहा गया है कि यदि महिला दूसरी आस्था की है तो उसे बंदी बनाना ठीक है। आईएसआईएस के पेफलेट में महिला दासों के साथ सेक्स करने की नीति को उचित ठहराया गया है। वे अपनी इस हरकत को पवित्र कुरान का हवाला देकर सही बता रहे हैं। उनका कहना है कि बंदी बनाने वाले का दास पर पूरा अधिकार होता है।
यूएस के जॉर्जिया यूनिवर्सिटी में धार्मिक स्टडीज के प्रोफेसर अब्बास बरजेगर ने कहा है कि आईएसआईएस युद्ध और बंदियों पर प्राचीन मिडल इस्टर्न और भूमध्यसागरीय कोड आूप कंडक्ट लागू कर रहा है। इतना ही नहीं आईएसआईएस इस्लाम की हास्यास्पद तरीके से व्याख्ख्या कर रहा है।