जयपुर। दीनदयाल वाहिनी का द्वितीय प्रदेश पदाधिकारी सम्मेलन व संगठन पर्व संकल्प दिवस रविवार को जयपुर के बिडला आॅडिटोरियम में मनाया गया।
सम्मेलन की शुरुआत प्रदेश के वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी, किशन यादव, शिवकुमार सैनी, डॉ नगेंद्र शर्मा, छीतर जी घोसल्या ने पं. दीनदयाल, अरविंद और मां की तस्वीर के आगे दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
प्रदेश के सभी जिलों से पधारे प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य, ज़िला व 160 विधानसभा क्षेत्रों के अध्यक्षों का मंच पर बुला कर राजस्थान के वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी और दीनदयाल वाहिनी जयपुर के पदाधिकारियों ने शॉल भेंट कर सम्मान किया।
राजस्थान के वरिष्ठ नेता और दीनदयाल वाहिनी के संस्थापक सदस्य गिरधारी तिवाड़ी ने स्वागत भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के 33 जिले, 160 विधानसभा, गांव—गांव व धाणी—धाणी से पधारे सभी कार्यकर्ताओं का स्वागत किया।
दीनदयाल के जीवन का अनुसरण करने का कहते हुए उन्होंने कहा कि कुछ दिन जनसंघ के अध्यक्ष रहने वाले दीनदयाल उपाध्याय का जीवन ही पार्टी का विचार बन गया था। इसके बाद भरतपुर से आए पूर्व विधायक गोपीचंद गुर्जर ने घनश्याम तिवाड़ी को दीनदयाल वाहिनी की आगामी योजनाओं पर निर्णय लेने का प्रस्ताव प्रदेश भर से आए पदाधिकारियों के सामने रखा। जिसका समर्थन विक्रम सिंह यादव ने किया।
संगठन का निर्माण भारतीय आध्यात्म के आधार होना चाहिए : अखिलेश तिवाड़ी
वाहिनी के सचिव अखिलेश तिवाड़ी ने दीनदयाल वाहिनी की संगठनात्मक प्रगति का विवरण दिया। उन्होंने बताया कि प्रदेश की 200 विधानसभा में से 160 विधानसभाओं में वाहिनी का कार्य मजबूत हुआ है।
उन्होंने बताया कि राज्य के सभी 33 जिलों को हमने संगठनात्मक दृष्टि से 39 जिलों में बांटा और वहां जिला और मंडल स्तर पर कार्यकारिणी का गठन किया गया। 8 जिलों में शपथ ग्रहण समारोह हो चुका है। बूथ स्तर तक एकात्म समितियों का निर्माण किया जा रहा है।
अखिलेश तिवाड़ी ने आगामी कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए कहा कि हम अगले 1 साल तक हम संगठन पर्व मनाएंगे। इसका मूल उद्देश्य सभी 39 जिलों में संगठन मजबूत हो। सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में 50000 एकात्म समितियों का निर्माण करेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश का ऐसा कोई वर्ग या जाति शेष नहीं है जो दीनदयाल वाहिनी से न जुड़ी हो। आज हमें प्रत्येक प्रबुद्ध वर्ग का समर्थन मिल रहा है और ये सब हुआ केवल पांच महीने में। ये कीर्तिमान तो हमने बना दिया पर आने वाले वर्षों में ऐसे कई कीर्तिमान खड़े करने हैं।
राजस्थान का पुरूषार्थ जीवित है
वाहिनी सचिव अखिलेश तिवाड़ी ने कहा कि पुरूषार्थ और स्वाभिमान की राजनीति कर, बिना रीढ़, चापलूस व आत्मसम्मान विहीन लोगों को दिखा दिया है। पांच माह में इस व्यापक विस्तार ने ऐसे विश्लेषकों का मुंह बंद किया है।
अखिलेश तिवाड़ी ने एक शेर के जरिये कहा कि उसूलों पर अगर आंच आए तो टकराना जरूरी है, जो अगर जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है। राजस्थान के लोगों ने दिखाया है अभी यहां पुरूषार्थ जीवित है।
कुछ प्रदेश बन गए हैं कॉरपोरेट जगत के चारागाह
वाहिनी सचिव ने कहा कि राजस्थान में राजनीतिक त्रासदी का दौर चल रहा है। उन्होंने कहा कि वो संगठन जिसे एक विचारधारा के उपर काम करना चाहिए था, उसे एक व्यक्ति ने हाईजैक कर लिया। यह त्रासदी नहीं तो क्या है।
अखिलेश ने आरोप जड़ते हुए कहा कि राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे प्रदेशों ने कुछ नेताओं ने कॉरपोरेट जगत का चारागाह बना दिया है और इन प्रदेशों के नेता इन्हें चर रहे हैं। ये त्रासदी नहीं तो क्या है।
संगठन का निर्माण भारतीय आध्यात्म के आधार होना चाहिए
अखिलेश तिवाड़ी ने वाहिनी के दर्शन पर अपना मत रखते हुए कहा कि प्रत्येक संगठन का निर्माण भारत के आध्यात्म के आधार पर किया जाना चाहिए। इस दौरान उन्होंने वाहिनी की आगामी कार्य योजना पर भी बात की।
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा बड़े लोग ही ‘मन की बात’ कहेंगे क्या हम छोटे लोग नहीं कह सकते क्या। अखिलेश ने कहा कि नेतृत्व प्रदान करने वाले लोगों का कृतत्व अभयदान करना है, भयाक्रांत करना नहीं। राजस्थान का नेतृत्व जनता को भयाक्रांत करने पर तुला है।
दीनदयाल उपाध्ययाय पुष्पांजलि कार्यक्रम
दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में दीनदयाल वाहिनी ने संगठन पर्व संकल्प दिवस का आयोजन किया था। इस दौरान कार्यक्रम में अशोक ड़ामोर, अर्जुन मेघवाल, नेमीचंद रावल, गोविंद मालवीय, सितेंद्र विनोचा और नवल वर्मा ने दीनदयाल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।
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