मुंबई। अपनी 4जी सेवाओं की शुरुआत के साथ देश के टेलीफोनी बाजार में हलचल मचा देने वाली रिलायंस जियो केवल दूरसंचार कंपनी बनकर नहीं रहेगी उसकी बल्कि उसकी निगाह भावी डिजिटल सोसायटी से पैदा होने वाले कारोबारी अवसरों पर है। कंपनी की टीमें इसी तरह के भविष्योन्मुखी डिजिटल समाधानों की तैयारी में जुटी हैं।
कंपनी प्रबंधन का मानना है कि आने वाले दिनों में दूरसंचार उद्योग में वायस कॉल व इसका शुल्क बेमानी हो जाएगा और सारा खेल इंटरनेट, डेटा व इंटरनेट आफ थिंग्स (आईओटी) का होगा तथा जियो का सारा ध्यान इसी पर है। रिलायंस जियो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया पर जोर दिए जाने तथा लोगों में स्मार्टफोन के बढ़ता प्रचलन एक नयी डिजिटल अर्थव्यवस्था खड़ी करेगा जिसमें वह बड़ी हिस्सेदारी हासिल करना चाहेगी।
यही कारण है कि रिलायंस जियो की टीम परंपरागत टेलीफोनी या मोबाइल समाधानों से इतर ऐसे समाधानों पर ध्यान केंद्रित कर रही है जो भविष्य में उपयोक्ताओं के बात करने ही नहीं बल्कि जीने के ढंग को ही बदल दें। कंपनी के अधिकारियों का दावा है कि उनका एक ऐसा ही उत्पाद एफटीटीएच प्रौद्योगिकी आधारित इंटरनेट सेवा है।
अधिकारी ने कहा, ‘इस हाईस्पीड इंटरनेट की स्पीड एक जीबीपीएस तक होगी जो कुछ एमबीपीएस तक स्पीड वाले मौजूदा माहौल में कल्पनातीत है।’ एक जीबी प्रतिसेंकेड डाटा डाउनलोड की रफ्तार 1 एमबीपीएस की 1000 गुणा होती है।
उन्होंने कहा कि यह प्रौद्योगिकी किसी आम टीवी को स्मार्टटीवी में में ही नहीं बदलेगी यह टीवी देखने, गेम खेलने, संगीत सुनने के हमारे सारे तौर तरीकों को बदल देगी। उदाहरण के तौर पर उपयोक्ता रिमोट पर आवाज लगा कर टीवी चैनल बदल सकेगा।
इसी तरह का एक समाधान आईओटी के जरिए किसी आम कार को स्मार्टकार में बदलने का है। इसके इस्तेमाल से कार से जुड़ी सारी जानकारी उपयोक्ता के मोबाइल पर उपलब्ध होगी जैसे कार में डीजल पेट्रोल कितना, या वह कितनी स्पीड पर चल रही है या किस इलाके में है। यही नहीं इस प्रौद्योगिकी में कार चाहे कहीं भी अपने स्मार्टफोन के जरिए उसे ‘लाक अनलाक’ किया जा सकता है।
अधिकारी ने कहा कि रिलायंस जियो की सेवाओं में टेलीफोनी एक हिस्सा भर है जबकि वह इससे इतर सेवाओं पर ध्यान देते हुए एक पूरा ‘डिजिटल इकोसिस्टम’यानी डिजिटल वातावरण बनाने की कोशिश कर रही है जहां उपयोक्ताओं को विभिन्न तरह की सेवाएं उपलब्ध हों।
उन्होंने कहा कि कंपनी की जियो मैग में 10 भाषाओं की 200 से अधिक पत्र पत्रिकाएं आनलाइन उपलब्ध हैं। यानी जियो के ग्राहक इन्हें अपने मोबाइल पर बिना किसी शुल्क के पढ़ सकते हैं।
इसी तरह जियो न्यूजपेपर में दस भाषाओं के 40 से अधिक समाचार पत्र हमेशा उपलब्ध रहते हैं। उपयोक्ता अपनी पसंदीदा जगह व भाषा का समाचार पत्र जब भी पढ़ सकता है। रिलायंस जियो ने इसके लिए सम्बध प्रकाशकों से गठजोड़ किया है। कंपनी फिलहाल 2017 के आखिर तक यह सेवा नि:शुल्क दे रही है।
कंपनी के अधिकारी ने हालांकि स्वीकार किया कि रिलायंस जियो की 4जी सेवाओं को फिलहाल केवल मुफ्त वायस काल के कारण चर्चा मिल रही है लेकिन उम्मीद है कि धीरे धीरे लोग यह समझेंगे कि वास्तव में जियो की सेवाएं इससे कहीं अलग हैं।
उल्लेखनीय है कि मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो ने 150000 करोड़ रुपये के निवेश से अपनी सेवाएं शुरू की हैं। कंपनी दिसंबर तक अपनी सारी सेवाएं मुफ्त देगी जिसमें वायस काल, वीडियो काल व डेटा सेवाएं शामिल है। शुल्क व्यवस्था अगले साल जनवरी से शुरू होगी।
अधिकारी ने कहा कि कंपनी की बहुत सी भावी प्रौद्योगिकियों पर इस समय काम चल रहा है। ये उचित समय व सम्बद्ध मंजूरियों के साथ बाजार में पेश की जाएंगी।