लखनऊ। समाजवादी पार्टी में पिछले कुछ दिनों से मचे घमासान के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को अपने मंत्रिमंडल का आठवां विस्तार किया। बर्खास्त मंत्री गायत्री प्रजापति की फिर कैबिनेट में वापसी हो गई।
जियाउद्दीन रिजवी ने भी नए मंत्री के तौर पर शपथ ली। मंत्रिमंडल में नए मंत्रियों के शामिल होने पर संतुलन बनाए रखने के लिए सोमवार को खाद्य रसद राज्य मंत्री लक्ष्मीकांत निषाद उर्फ पप्पू निषाद को बर्खास्त किया गया है।
राजभवन में सोमवार को एक समारोह के दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजूदगी में राज्यपाल राम नाईक ने नए मंत्रियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसमें शिवपाल यादव सहित कई वरिष्ठ मंत्री और नेता मौजूद थे।
मंत्रिमंडल में नए मंत्रियों के शामिल होने पर संतुलन बनाए रखने के लिए सोमवार को खाद्य रसद राज्य मंत्री लक्ष्मीकांत निषाद उर्फ पप्पू निषाद को बर्खास्त किया गया है।
कैबिनेट मंत्री के रूप में पूर्व में बर्खास्त गायत्री प्रसाद प्रजापति, शिवाकांत ओझा, मनोज कुमार पाण्डेय शपथ ने शपथ ली। जियाउद्दीन पहली बार मंत्री बने, जबकि हाजी रियाजुद्दीन, अभिषेक मिश्र, नरेंद्र वर्मा, शंखलाल मांझी व यासर शाह को राज्य मंत्री से प्रमोट कर कैबिनट मंत्री बनाया गया है।
गौरतलब है कि बलिया के सिकंदरपुर से 2 बार विधायक रह चुके जियाउद्दीन रिजवी को जब मंत्री पद की शपथ लेनी थी, तब वह हज की यात्रा पर थे। हज से लौटने के बाद 3 महीने से मंत्री पद की शपथ लेने के लिए वह भटक रहे थे।
उन्होंने मुख्यमंत्री से लेकर मुलायम तक से मुलाकात की थी। हालांकि, शपथ के लिए एक बार 10 जुलाई की तारीख भी तय की गई थी लेकिन वह तारीख टल गई थी।
अखिलेश मंत्रिमंडल का विस्तार इसके पहले जुलाई में हुआ था। उस समय बर्खास्त मंत्री बलराम यादव, नारद राय, रविदास मेहरोत्रा के साथ शारदा प्रताप शुक्ला को शपथ दिलाई गई थी। उस समय सूची में शामिल जियाउद्दीन रिजवी कैबिनेट मंत्री की शपथ नहीं ले पाए थे।
मायावती ने अखिलेश के मंत्रिमंडल विस्तार पर साधा निशाना
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने बर्खास्त मंत्रियों की कैबिनेट में वापसी को लेकर अखिलेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने गायत्री प्रजापति को सपा सरकार में फिर शामिल किये जाने की आलोचना करते हुए कहा कि अखिलेश यादव ने खुद को कमजोर एवं ‘यू टर्न’ लेने वाला मुख्यमंत्री साबित किया है।
मायावती ने सोमवार को एक बयान जारी कर यह बातें कही। उन्होंने कहा कि भूतत्व एवं खनन मंत्री के रूप में भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप में कुछ दिन पूर्व बर्खास्त किये गये गायत्री प्रसाद प्रजापति को दोबारा मंत्री बनाकर वर्तमान सपा सरकार के मुखिया ने ना केवल अपने आपको एक अत्यंत ही कमजोर व यू-टर्न लेने वाला मुख्यमंत्री साबित किया है, बल्कि यह भी जगजाहिर हो गया है कि इस सपा सरकार में खराब कानून व्यवस्था के साथ साथ यहां भ्रष्टाचार भी बेलगाम जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता यह समझ नहीं पा रही है कि जिस मंत्री को अभी हाल ही में खनन विभाग में जबर्दस्त भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त किया गया था तथा जिस विभाग में व्यापक भ्रष्टाचार के मामले पर उच्च न्यायालय ने सीबीआई जांच का आदेश दिया है तो उसे फिर किस मजबूरी में दोबारा मंत्री बना दिया गया। मायावती ने कहा कि अगर उस मंत्री का विभाग भी बदल दिया जाता है तो क्या उस मंत्री का चरित्र, चाल और स्वभाव बदल जाएगा?
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जनहित और विकास के काम करने के जो भी दावे अखिलेश सरकार विज्ञापनों के जरिए कर रही है, उनमें से अधिकांश कार्य बसपा शासनकाल में शुरू हुए थे तथा अब उनमें भी भ्रष्टाचार किया जा रहा है जो बेलगाम जारी है।
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