शाजापुर। शाजापुर जिला अस्पताल में इलाज के नाम पर रुपए मांगने के साथ ही लोगों से अभद्र व्यवहार करने वाली नर्सों का एक ओर सनसनीखेज कारनामा प्रकाश में आया है। यहां नर्सों ने प्रसव के दौरान एक प्रसूता के पेट में काटन ओर कपड़े का टुकड़ा छोडक़र मौत के दरवाजे पर खड़ा कर दिया।
मामले में पीडि़ता ने अपर कलक्टर मीनाक्षीसिंह एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनुसूया गवली सिन्हा से लिखित शिकायत कर संबंधित नर्सों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
बुधवार को स्थानीय कमरदीपुरा निवासी 20 वर्षीय श्रीमती चांदनी बी पति शाकिर कुरैशी ने सौंपे गए शिकायती आवेदन में बताया कि गत 4 सितंबर की शाम 4 बजे प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने उसे प्रसव के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया था।
जहां मौजूद स्टॉफ नर्सों ने पहले तो जटिल प्रसव का बहाना बनाकर डिलेवरी कराने से मना कर दिया था। लेकिन थोड़ी ही देर बाद प्रसव के नाम पर दो हजार रुपयों की मांग की गई ओर परिजनों द्वारा रुपए देने पर सामान्य प्रसव कराया गया।
आवेदन में बताया कि प्रसव के दौरान मौजूद नर्सों ने गर्भाशय की सफाई कर उसी में कपड़ा ओर काटन छोड़ कर टांके लगा दिए। अस्पताल से छुट्टी होने के बाद जब चांदनी अपने घर पहुंची तो पेट में रखे कपड़े ओर काटन की वजह से पेट में दर्द रहने लगा।
पीडि़ता ने बताया कि पहले तो उसे लगा कि टांकों की वजह से दर्द हो रहा होगा, लेकिन धीरे-धीरे तकलीफ बढ़ती ही चली गई। इसके बाद परिजनों के कहने पर निजी नर्सिंग होम की महिला चिकित्सक रोहिणी नायक को पीड़ा बताई गई।
जांच के दौरान गर्भाशय में कपड़े ओर काटन की मौजूदगी सामने आई। इस पर तुरंत ही चांदनी का आपरेशन कर कपड़ा निकाला गया। पीडि़ता ने बताया कि मामले में डॉ. रोहिणी नायक का कहना था कि यदि चांदनी दो दिन ओर देरी से पहुंचती तो उसकी जान जा सकती थी। फिलहाल मामले में दोषी नर्सों के खिलाफ एफआईआर किए जाने एवं हर्जाना दिलाए जाने की मांग की गई है।
लापरवाह नर्सों के हवाले प्रसव कार्य
गौरतलब है कि जिला अस्पताल की महिला चिकित्सक अपने काम के प्रति गंभीर दिखाई नही देती हैं। यही कारण है कि प्रसव कराने की पूरी जिम्मेदारी नर्सों के हवाले है। सुबह से लेकर रात तक नर्सें अपने अनुभव के आधार पर प्रसव कराती हैं, ओर कई बार लापरवाहीपूर्वक ये नर्स प्रसूताओं की जान जोखिम में डालती हैं।
कमरदीपुरा की चांदनी के साथ भी यही हुआ ओर नर्सों ने प्रसव के बाद गर्भाशय की सफाई कर गंदा कपड़ा अंदर ही छोडक़र टांके लगा दिए। यदि जिम्मेदार महिला चिकित्सक मौके पर मौजूद रहतीं तो शायद चांदनी को इस तरह की शारीरिक ओर आर्थिक परेशानी नही उठानी पड़ती।
प्रसूता के परिजनों से हो रही अवैध वसूली
सूत्रों के हवाले से खबर यह भी मिली है कि जिला अस्पताल में मौजूद नर्सें प्रसव के नाम पर प्रसूताओं के परिजनों से जमकर अवैध वसूली कर रही हैं। लडक़ा होने पर नर्सें 1 हजार रुपए से लेकर 2 हजार तक की मांग करती हैं तो वहीं लडक़ी होने पर 500 रुपए लेकर ही प्रसव कराती हैं।
इसके साथ ही जिस प्रसूता के परिजन रुपए नहीं देते उनकी देखरेख में दिलचस्पी नर्सों द्वारा नहीं ली जाती है। पूर्व में अस्पताल नर्सों पर अवैध वसूली किए जाने के आरोप लग चुके हैं, लेकिन जिम्मेदारों ने इस मामले में कोई ठोंस कार्रवाई नही की। जिसके कारण आए दिन लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
रुपयों के लालच में जान का सौदा
अस्पताल में पदस्थ चिकित्सक हों या फिर नर्से, इन सभी को लोगों की जान से ज्यादा रुपयों का मोह अधिक दिखाई देता है। यही वजह है कि गत दिनों जिला अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय खंडेलवाल ने इंदौर के एक निजी अस्पताल में आपरेशन के नाम पर शाजापुर के अफजल को मौत की नींद सुला दिया था।
वहीं अब नर्सों ने प्रसव के नाम पर दो हजार रुपए लेने के बाद भी कमरदीपुरा की चांदनी को मौत के हवाले करने की तैयारी कर दी थी। समय रहते परिजन निजी नर्सिंग होम पहुंच गए नहीं तो चांदनी की जान भी जा सकती थी।
इनका कहना है
प्रसव के दौरान लापरवाही बरतने के मामले में नर्सों के खिलाफ शिकायती आवेदन प्राप्त हुआ है। जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
मीनाक्षी सिंह, अपर कलेक्टर।
जांच के बाद कार्रवाई करेंगे
प्रसव के दौरान नर्सों द्वारा लापरवाहीपूर्वक पेट में कपड़ा छोड़े जाने एवं रुपए मांगे जाने की शिकायत मिली है। मामले में जांच करने के बाद संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ. अनुसूया गवली सिन्हा, सीएमएचओ।
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