चंडीगढ़। भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद एहतियात के तौर पर पंजाब के सभी सीमावर्ती गावों को खाली करवाए जाने का काम देर रात पूरा हो गया।
पंजाब सरकार द्वारा आज अमृतसर व चंडीगढ़ में शुरू किए गए कंट्रोल रूम में लोगों द्वारा लगातार फोन करके अपनो की सलामती के बारे में जानकारी हासिल की जा रही है।
सरकारी नियंत्रण कक्ष पर पहले तीन घंटे में 50 से अधिक लोगों ने फोन करके सीमावर्ती गावों में रहने वाले अपने रिश्तेदारों के बारे में जानकारी हासिल की।
पुलिस तथा सिविल प्रशासन के कर्मचारियों ने गावों से बाहर निकालकर सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाए गए लोगों का पूरा ब्यौरा कंट्रोल रूप तथा संबंधित जिला उपायुक्त कार्यालयों को भेज रहे हैं। जहां से उनके रिश्तेदारों को जानकारी दी जा रही है।
सेना की मदद के लिए आगे आए सीमावर्ती गांवों के गुरुद्वारे
भारत-पाकिस्तान पर व्याप्त तनाव को देखते हुए पंजाब में गुरूद्वारों ने भी मोर्चा संभाल लिया है। पंजाब के सीमावर्ती गांवों में गुरूवारों से लगातार अपील जारी की जा रही है। गुरूद्वारों से यह अपील गुरूवार को दोपहर एक बजे से ही शुरू हो गया था। जो लगातार जारी है।
गुरूद्वारों से ग्रंथी गांव के लोगों को सुरक्षित स्थानों के तरफ जाने वाले रास्तों के बारे में जानकारियां दे रहे हैं। इतना ही नहीं गांववालों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचने के लिए साधन भी उपलब्ध करा रहे हैं।
सीामवर्ती क्षेत्रों में कई जगहों पर गुरूद्वारों द्वारा ग्रामीणों केे रूकने के लिए सुरक्षित स्थानों का भी प्रबंध किया गया है।
एसजीपीसी ने सीमावर्ती क्षेत्रों के गांव दाउके, भरोपाल, नौशहरा, डाला, हवेलियां, छीना आदि में लोगों को रहने व खाने का प्रबंध खुद संभाल रखा है। एसजीपीसी ने सीमावर्ती क्षेत्रों के गुरूद्वारों को ग्रामीणों की हर संभव मदद करने का अनुरोध किया है।
पंजाब में सीमावर्ती गांव खाली, सुरक्षित स्थानों पर गए ग्रामीण
भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव को देखते हुए पंजाब के सीमावर्ती गांवों की लगभग 80 प्रतिशत गांव खाली हो गए हैं। पंजाब सरकार द्वारा तनाव को देखते हुए सीमा के दस किलो मीटर के दायरे के गांवों को खाली करने की अपील पर गुरूवार की रात्रि में भी ग्रामीण सुरक्षित स्थान की तलाश में जाते रहें।
प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार पठानकोट, गुरदासपुर, बटाला, अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर और फजिल्का के 987 गांवों में से 80 प्रतिशत गांव खाली हो चुके हैं।
कुछ गांवों में लोग अभी तक सुरक्षित स्थानों पर नहीं गये हैं। ऐसे में स्थानीय अधिकारियों व सेना के उच्चाधिकारियों द्वारा गांव वालों को संभावित खतरों को देखते हुए सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की जा रही है।
पंजाब सरकार के उच्चाधिकारी लगातार पूरी घटना क्रम पर निगाह रखे हुए हैं। प्रत्येक जिले की रिपोर्ट सरकार द्वारा नियुक्त विशेषकार्य अधिकारी सीधे कंट्रोल रूम के माध्मय से मुख्यमंत्री तक पहुंचाई जा रही है।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के उड़ी में भारतीय सेना के कैंप पर आतंकवादी घटना के बाद भारतीय सेना ने 28 सितम्बर की रात्रि में पाक अधिकृत कश्मीर में एक गुप्त सैन्य अभियान चलाकर आतंकवादियों के कई ठिकानों को नष्ट कर दिया है।
इस अभियान में सेना के जवानों ने काफी संख्या में आतंकवादियों को भी मार गिराया है। जिसकी संख्या अभी तक पुष्ट नहीं हो पाई है। लेकिन सूत्रों के अनुसार यह संख्या पचास के पार है।
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