नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज बताया कि घरेलू आय घोषणा योजना (इनकम डेक्लेरेशन स्कीम) आईडीएस के तहत देश के 64,275 लोगों ने कुल 65,250 करोड़ रुपये के काले धन का खुलासा किया है। इन 4 महीनों के दौरान 65,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बेनामी संपत्ति का खुलासा आईडीएस के जरिए हुआ है। आईडीएस के परिणामों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वित्त मंत्री अरुण ने बताया कि आईडीएस कोई इम्यून स्कीम नहीं है। इस स्कीम के दौरान 64,275 लोगों ने 65,250 करोड़ रुपये की काले धन की घोषणा की है।
जेटली ने बताया कि काले धन के तहत खुलासा करने वाले हर व्यक्ति ने औसतन एक करोड़ रुपये का खुलासा किया है। इस योजना के तहत खुलासा करने वाले लोगों की पहचान गुप्त रखी जाएगी। सरकार ने टैक्स छुपाए जाने के चलन को कम करने के लिए कई अहम फैसले किए हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि अभी जो आंकड़े मैं दे रहा हूं हो सकता है कि रिवीजन के बाद वे बदल सकते हैं। सर्च ऑपरेशन के दौरान 56, 378 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ है। उन्होंने कहा कि HSBC बैंक की लिस्ट से तकरीबन 8,000 करोड़ रुपयों का टैक्स असेसमेंट पूरा हो गया है।
सीबीडीटी की चेयरपर्सन रानी एस़ नायर ने कहा कि आय घोषणा योजना के तहत 30,000 करोड़ रुपये का टैक्स आने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि इस योजना को 1 जून 2016 को लॉन्च किया गया था। इस योजना के तहत कर चोरी करने वालों को अवसर दिया गया था कि वे कर चोरी की सजा, पेनाल्टी और अभियोजन से मुक्ति पा सकते हैं। जिन लोगों ने अपने काले धन की घोषणा की है, उन्होंने 45 फीसदी टैक्स दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही बयान दिया था कि 30 सितंबर के बाद काला धन रखने वालों के खिलाफ उम्र कैद सहित सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसलिए इस योजना में काला धन के बारे में जानकारी दे दें।