रोहतक। हरियाणा में फरवरी माह के दौरान हुए जाट आरक्षण आंदोलन में कोताही बरतने वाले पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू हो गई है।
रोहतक के पुलिस अधीक्षक राकेश आर्य ने शनिवार को दस विभागीय जांचों का नियमानुसार निपटारा किया है। विभागीय जांच में दोषी पाए गए कर्मचारियों को सजा दी गई है तथा जांच में निर्दोष पाए गए कर्मचारियों को राहत दी गई है।
निरीक्षक संदीप कुमार, उपनिरीक्षक धर्मबीर, उपनिरीक्षक राजेन्द्र सिंह, ईएसआई धर्मबीर सिंह, सिपाही सतप्रकाश व अशोक कुमार को विभागीय जांच में दोषी पाया गया है। जिनको नियमानुसार सजा दी गई है।
सिपाही कुलदीप, महिला मुख्य सिपाही पपीता देवी, महिला मुख्य सिपाही मन्जू लता, सिपाही अन्नी देवी, सिपाही सोनिया व सिपाही कविता को परिनिंदा का दण्ड दिया गया है।
निर्दोष पाए गए उपनिरीक्षक राजेन्द्र सिंह, ईएसआई रमेश कुमार, ईएएसआई प्रकाश चन्द, ईएचसी अशोक की विकाागीय जांच का नियमानुसार निपटारा करते हुए फाईल किया गया है।
जाट आरक्षण के दौरान उपनिरीक्षक धर्मबीर को बतौर टीएसी महम में तैनात किया गया था। टीएसी महम को एक एम्बूलैंस गाडी भी दी गई थी।
आन्दोलन के दौरान उपद्रवियों ने थाना परिसर में खडी एम्बूलैंस को आग के हवाले कर दिया था, जिससे एम्बूलैंस व एम्बूलैंस में लगा सारा सामान जल गया था। थानेदार धर्मबीर सिंह द्वारा एम्बूलैंस गाडी को बचाने का कोई प्रयास नहीं किया गया।
विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर थानेदार धर्मबीर सिंह की पांच वेतन वृद्धि स्थाई तौर पर बंद करने की सजा दी गई है। निरीक्षक सन्दीप कुमार 2012 में स्पैशल स्टाफ रोहतक में तैनात रहे है।
थाना महम में एक धोखाधडी के मामले की जांच निरीक्षक सन्दीप कुमार द्वारा अमल में लाई गई। उच्च अधिकारियों द्वारा जांच से सम्बंधित दिशा-निर्देश दिए गए थे।
निरीक्षक सन्दीप कुमार द्वारा उच्च अधिकारियों के आदेशों की पालना नहीं की गई व अकिायोग की तफतीश में लापरवाही की गई है। विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर निरीक्षक सन्दीप कुमार की दो वार्षिक वेतन वृद्धि स्थाई तौर पर बंद की गई है।
सिपाही अशोक कुमार राईडर नम्बर-3 पर बतौर चालक तैनात था। फरवरी माह में हुए आरक्षण आन्दोलन के दौरान सिपाही अशोक कुमार को कानून व्यवस्था ड्यूटी के लिए पुलिस लाईन में बुलाया गया था।
राईडर पुलिस लाईन में खड़ी न करके सिपाही अशोक कुमार ने राईडर न.-3 को पुलिस चौकी गउकरण में खड़ा कर दिया। आंदोलन के दौरान उपद्रवियों द्वारा राईडर को आग के हवाले किया गया। विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर सिपाही अशोक कुमार की पांच वेतन वृद्धि स्थाई तौर पर बंद की गई है।
इसी तरह सिपाही कुलदीप, महिला मुख्य सिपाही पपीता देवी, महिला मुख्य सिपाही मन्जू लता, महिला सिपाही अन्नी देवी, महिला सिपाही सोनिया, सिपाही कविता जाट आरक्षण के दौरान महिला थाना में तैनात थी। आंदोलन के दौरान उपरोक्त कर्मचारियों की ड्यूटी कानून एवं व्यवस्था बनाये रखने के लिए कम्पनी-सी में लगाई गई थी।
उपरोक्त कर्मचारियों अपनी ड्यूटी से गैरहाजिर पाए गए। विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर उपरोक्त सभी कर्मचारियों को परिनिंदा की सजा दी गई है।
प्रवर पुलिस अधीक्षक राकेश आर्य ने बताया कि पुलिस विभाग में अनुशासन सर्वोपरि है। जवान को अनुशासन में रहते हुए अपने कर्तव्यों को निर्वाह करना चाहिए। ड्यूटी के प्रति लापरवाही किसी भी सूरत में सहन नहीं की जाएगी। विभागीय जांच में दोषी पाए गए कर्मचारियों को सजा दी गई है।
https://www.sabguru.com/ias-officer-pradeep-kasni-transfers-66th-times-32-years/
https://www.sabguru.com/six-ips-officers-transferred-immediate-effect-haryana/