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bihar Cabinet approves new Excise & Prohibition Act, 2016
Home Bihar बिहार में गांधी जयंती पर नया शराबबंदी कानून लागू, कैबिनेट की मिली मंजूरी

बिहार में गांधी जयंती पर नया शराबबंदी कानून लागू, कैबिनेट की मिली मंजूरी

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बिहार में गांधी जयंती पर नया शराबबंदी कानून लागू, कैबिनेट की मिली मंजूरी
bihar Cabinet approves new Excise & Prohibition Act, 2016 on gandhi Jayanti
bihar Cabinet approves new Excise & Prohibition Act, 2016 on gandhi Jayanti
bihar Cabinet approves new Excise & Prohibition Act, 2016 on gandhi Jayanti

पटना। बिहार सरकार ने गांधी जयंती के अवसर पर बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद विधेयक 2016 शराबबंदी का नया कानून लागू कर दिया है। मंत्रिमंडल ने कैबिनेट की बैठक में शराबबंदी कानून को लागू करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।

शराबबंदी के नए कानून को विधानमंडल के मानसून सत्र में ही मंजूरी मिली थी और पिछले माह राज्यपाल ने इस कानून पर हस्ताक्षर किए थे। कैबिनेट की बैठक के तत्काल बाद प्रेस से बातचीत में यह जानकारी दी गई।

नय शराबबंदी कानून में कई कड़े प्रावधान किए गए हैं । सभी जिलों में शराबबंदी कानून के तहत मामलों की सुनवाई के लिए एक विशेष न्यायालय बनाया जाएगा।

अगर किसी घर में शराब बरामद की जाती है, तो उस परिवार के सभी व्यस्क (18 वर्ष से अधिक) सदस्य को जेल भेज दिया जाएगा। इसमें बुजुर्ग और महिला सभी शामिल हैं। इसके लिए जिलाधिकारी को यह अधिकार दिया गया है। पहले पियक्कड़ को छह महीने के लिए बॉड भरवाकर तड़ीपार किया जाएगा। नहीं सुधरे तो अधिकतम दो वर्ष के लिए जिला बदर किया जा सकता है।

अगर किसी गांव में चूलाई की दारू बार-बार पकड़ी जाती है या चूलाई की दारू पकड़ने के दौरान गांव वाले विरोध करते हैं, तो पूरे गांव पर सामूहिक जुर्माना हो सकता है। हालांकि गांव वालों को इसमें अपना पक्ष रखने की पूरी छूट रहेगी। शराब के मामले में एक बार पकड़े जाने पर अगर वही व्यक्ति दोबारा फिर से पकड़ा जाता है, तो पहले से दोगुणा सजा होगी।

किसी जगह पर बैठकर शराब या फिर अन्य मादक द्रव्य का सेवन करता मिलता है तो ऐसी स्थिति में पकड़े जाने पर कम से कम पांच वर्ष और अधिकतम सात वर्ष की सजा होगी। एक लाख रुपये का न्यूनतम जुर्माना और अधिकतम दस लाख रुपए तक का जुर्माना होगा।

अगर शराब पीकर उपद्रव किया तो कम से कम दस वर्ष की सजा होगी। इस सजा को बढ़ाकर आजीवन कारावास भी किया जा सकता है। इस मामले में जुर्माना की न्यूनतम राशि एक लाख रुपये होगी और अधिकतम दस लाख।

अगर कोई व्यक्ति महिलाओं व अठारह वर्ष से कम उम्र के बच्चों को शराब के अवैध धंधे में लगाने के आरोप में पकड़ा जाएगा तो इस अपराध में उसे कम से कम दस वर्ष की सजा होगी और इसे बढ़ाकर आजीवन कारावास तक किया जा सकता है। न्यूनतम एक लाख और अधिकतम दस लाख रुपए तक का जुर्माना भी उसे देना होगा।

शराबबंदी से जुड़े नए कानून में यह प्रावधान भी है कि अगर कोई उत्पाद पदाधिकारी या पुलिस पदाधिकारी परेशान करने की नीयत से किसी घर की तलाशी लेता है या फिर किसी को गिरफ्तार करता है तो उसे तीन वर्ष की जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना भुगतना होगा।

मद्यनिषेध उत्पाद विधेयक 2016

एक अगस्त : बिहार विधानसभा से ‘’बिहार मद्यनिषेध उत्पाद विधेयक 2016’’ पास
दो अगस्त : बिहार विधान परिषद् से ‘’बिहार मद्यनिषेध उत्पाद विधेयक 2016’’ पास

दो अगस्त : विधेयक को मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया प्रस्ताव

सात सितंबर : राज्यपाल ने ’बिहार मद्यनिषेध उत्पाद विधेयक 2016’ को किया मंजूर

14 सिंतबर : राज्य कैबिनेट ने ’बिहार मद्यनिषेध उत्पाद विधेयक 2016’ को दी मंजूरी, दो अक्टूबर से लागू करने की घोषणा की।
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