नई दिल्ली। आर्थिक साझेदारी के लिए ब्रिक्स रणनीति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नई दिल्ली में 12 से 14 अक्टूबर तक ब्रिक्स व्यापार मेला आयोजित किया जाएगा।
13 अक्टूबर को ब्रिक्स बिजनेस फोरम और 14 अक्टूबर को ब्रिक्स व्यापार परिषद के आयोजन से ब्रिक्स देशों को इस दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका की उभरती हुई अर्थव्यवस्था का समूह- ब्रिक्स अपने गठन के एक दशक के बाद एक शक्तिशाली वैश्विक आर्थिक गुट के रूप में उभरा है। वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों तथा चुनौतियों से निपटने में ब्रिक्स एक गंभीर, प्रतिस्पर्धी और जिम्मेदार समूह बन गया है।
विश्व से ब्रिक्स देशों में वस्तुओं का आयात 2012 के 2.95 ट्रिलियन डॉलर से बढकर 2014 में 3.03 ट्रिलियन डॉलर हो गया। इसी प्रकार ब्रिक्स देशों से वस्तुओं का निर्यात 2012 के 3.2 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2014 में 3.47 ट्रिलियन डॉलर हो गया।
ब्रिक्स देशों के बीच भी व्यापार में बढोत्तरी हुई है। 2012 में अंतर-ब्रिक्स व्यापार 281.4 बिलियन डॉलर था, जो 2014 में बढ़कर 297 बिलियन डॉलर तक हो गया।
इस उत्साहवर्धक प्रवाह को और सुदृढ़ करने की जरूरत है, क्योंकि ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार उनके कुल वैश्विक व्यापार के पांच प्रतिशत से भी कम है।
कई आपसी हित होने के कारण ब्रिक्स अर्थव्यवस्थाएं एकजुट हुई हैं। इस समूह का प्रमुख एजेंडा वैश्विक शासन ढांचे में सुधार करना है, जिसका प्रभाव बदलते हुए वैश्विक परिदृश्य पर पड़ेगा, जहां उभरती हुई अर्थव्यवस्थओं की बड़ी भूमिका है।
ब्रिक्स अर्थव्यवस्थाओं का एक और एजेंडा बहुपक्षीय व्यापारिक पद्धति को स्थिर बनाए रखने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ कार्य करना है।