जयपुर। गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया की अध्यक्षता में मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में हुई विभाग की समीक्षा बैठक के बाद गृहमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि साइबर क्राइम रोकने के लिए सभी जिलों में साइबर विशेषज्ञों की एक टीम बनाई जायेगी।
उन्होंने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य एफएसएल टीम सहित अन्य कामों को बेहतर बनाकर सजा दिलाने का प्रतिशत बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि कई बार कमजोर सबूत होने के कारण अपराधी छूट जाते हैं। उन्होंने यह भी माना कि बरामदगी का प्रतिशत भी प्रदेश में कम है, इसे बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस बात के निर्देश दिए हैं कि जिले की क्राइम की सूची एसपी के पास अपडेट हो। कटारिया ने कहा कि प्रदेश में दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सभी विभागों के साथ मिलकर प्रयास किए जायेंगे। राज्य में सड़क हादसों में एक साल में 10 हजार लोगों की जानें चली जाती है, वहीं करीब तीस हजार लोग अपाहिज हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि थानों का निरीक्षण को प्रभावी बनाने के लिए आईजी स्तर के अधिकारियों से थाने का निरीक्षण करने के लिए कहा गया है। बीट व्यवस्था को पुलिस और मजबूत करेगी और बीट प्रभारी उस क्षेत्र के लोगों से फीटबैक भी लेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गुंडा और पासा एक्ट के तहत अपराधियों को राउंडअप किया जा रहा है और गो तस्करी रोकने के लिए सरकार कड़ा कानून ला रही है। अभी जो कानून है, उसमें अपराधी आसानी से छूट जाते हैं। प्रदेश में अवैध खनिज, भूमाफियाओं और तस्कारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी है। कटारिया ने माना कि पुलिस में नफरी कम है और ट्रेनिंग के लिए जगह कम होने से मेनपॉवर लाईन में है। राज्य में एक बार में केवल पांच हजार जवानों ट्रेनिंग कराने की ही क्षमता है।
पुलिस का मनोबल बढ़ाया जाएगा
कटारिया ने कहा कि पुलिस का मनोबल बढ़े इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है। पुलिस के परिवार के लिए पांच हजार आवास बनाने की हमारी योजना है। वहीं सातों संभाग में पुलिस के बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकार छात्रावास बनाएगी। इसमें सरकार की ओर बिजली, पानी और आवास उपलब्ध कराया जाएगा।