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quami ekta dal merges with samajwadi party despite akhilesh's opposition
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कौमी एकता दल का सपा में विलय, शिवपाल यादव ने लगाई मुहर

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कौमी एकता दल का सपा में विलय, शिवपाल यादव ने लगाई मुहर

qumi ekta dal

लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विरोध के बावजूद कौमी एकता दल का विलय सपा में हो गया।

इसकी मुहर प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने गुरुवार को प्रदेश कार्यकारिणी की 80 सदस्यीय टीम घोषित करने के दौरान लगा दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि नेता जी के कहने पर कौएद का विलय हुआ है। इस पर मुख्यमंत्री भी सहमत हैं।

शिवपाल लखनऊ प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थें। अमनमणि को टिकट देने के सवाल पर शिवपाल ने कहा कि सीबीआई जांच की रिपोर्ट अभी नहीं आई है।

उन्होंने ये भी कहा अमनमणि की सास अभी हमसे नहीं मिली हैं जब मिलेंगी तो टिकट पर फिर से सोचा जाएगा। सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने पूर्व मंत्री अब्दुल मन्नान और पूर्व मंत्री अब्दुल हन्नान सहित कई कई लोगों के सपा में शामिल होने की घोषणा की। अब्दुल मन्नान बसपा से निकाले गए हैं और हरदोई से विधायक थे।

इस मौके पर मंत्री ओमप्रकाश सिंह को सपा प्रदेश महामंत्री, पूर्व मंत्री किरन पाल सिंह प्रदेश उपाध्यक्ष, रघुनंदन सिंह काका, विधायक उदय राज सचिव, श्रीपति सिंह और बख्तावर दोनों प्रदेश सचवि बने हैं।

गौरतलब हो कि पिछले दिनों समाजवादी पार्टी में मचे घमासान की एक वजह कौमी एकता दल को विलय को लेकर थी। चाचा और भतीजे के रिश्तों में आई कड़वाहट का एक कारण यह भी था।

जब शिवपाल यादव ने जून में कौमी एकता दल का विलय समाजवादी पार्टी में करवाया तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी नाराजगी मुलायम सिंह के करीबी बलराम यादव को कैबिनेट से बर्खास्त कर जताई। क्योंकि उस समय बलराम यादव ने कौमी एकता दल के विलय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने साफ-साफ कहा कि वह पार्टी में किसी दागी चेहरे को पार्टी में नहीं लिया जायेगा। लेकिन अखिलेश की इस नाराजगी के बाद मुलायम सिंह यादव ने 28 जून को लखनऊ में पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक बुलाई और कौमी एकता दल के विलय को निरस्त कर दिया। इसके बाद ही बलराम यादव की दोबारा कैबिनेट में वापसी हो सकी।

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