झुंझुनू। गहलोत सरकार में मंत्री रहे राजेंद्रसिंह गुढ़ा को एक और झटका लगा है। निचली अदालत के बाद अब सेशन कोर्ट ने भी उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
न्यायायिक अभिरक्षा में चल रहे गुढ़ा की जमानत अर्जी सेशन गुरुवार को न्यायालय झुंझुनू ने भी खारिज कर दी है। इससे पहले स्थानीय एसीजेएम न्यायालय ने भी गुढ़ा की जमानत खारिज कर दी थी।
जानकारी के अनुसार राजकार्य में बाधा के आरोप में पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को गत 19 सितंबर को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसी दिन पुलिस ने गुढ़ा को न्यायालय में पेश किया। जिसके बाद उन्हें न्यायायिक अभिरक्षा में भेज दिया।
गत 30 सितंबर को बचाव पक्ष राजेंद्र गुढ़ा की ओर से एडवोकेट जितेंद्रसिंह ने स्थानीय न्यायालय ने जमानत के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। जिस पर माननीय न्यायालय ने तीन सितंबर की तारीख तय की। इस दिन माननीय न्यायालय ने जमानत पर बहस की सुनवाई के बाद जमानत की अर्जी खारिज कर दी।
बचाव पक्ष की ओर से सेशन न्यायालय ने प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। जिस पर बुधवार को सुनवाई हुई। यहां पर भी माननीय न्यायालय ने पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की जमानत अर्जी खारिज कर दी। हालांकि इसी प्रकरण में राजेंद्र गुढ़ा से पहले गिरफ्तार हुए तीन आरोपियों की जमानत हो चुकी है।
पूर्व मंत्री राजेंद्रसिंह गुढा पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। सेशन कोर्ट से भी जमानत अर्जी खारिज होने के बाद अब हाईकोर्ट पर समर्थकों और विरोधियों तक की नजर है। जिस प्रकरण में तीन आरोपियों की जमानत हो चुकी।
उसी प्रकरण में गुढ़ा की जमानत नहीं होना इसका संकेत हैं कि गंभीर प्रवृत्ति अपराध करने वाले आरोपियों के खिलाफ कोर्ट भी सख्त है। एक ही न्यायालय से एक ही वर्ष में पांच प्रकरणों का निस्तारण कराने में कामयाब हुए राजकार्य में बाधा के आरोपी राजेंद्रसिंह गुढ़ा की जमानत को लेकर अब हाईकोर्ट पर हर किसी की नजर टिकी है।
पुलिस भी राजेंद्रसिंह गुढ़ा से जुड़ा हर वो दस्तावेज बतौर सबूत कर रही हैं। जिससे किसी भी सूरत पर जमानत न हो। राजेंद्रसिंह गुढ़ा से जुड़े हुए सभी मुकदमों की एक लिस्ट भी गत 19 सितंबर को जारी की थी।
लिस्ट में उल्लेख हैं कि 1999 में तीन मुकदमों में राजेंद्र गुढ़ा को परिवीक्षा का लाभ और इसी वर्ष 1999 में ही दो मुकदमों में बरी हो चुके है। इससे पहले 1993 में भी एक मुकदमे में वे बरी हो चुके थे।
1988 से 2004 तक गुढ़ा के खिलाफ 21 मुकदमे दर्ज हुए। जिसमें कई संगीन प्रकरण भी संबंधित न्यायालय में विचारधीन है। गुढागौडज़ी थाने में 13, गांधीनगर जयपुर में तीन, उदयपुरवाटी थाने भी तीन, मानसरोवर में एक, विश्वकर्मा थाना जयपुर में एक, कोतवाली झुंझुनू में एक मुकदमा दर्ज है।
गत 14 जुलाई 16 को गुढ़ा के खिलाफ बागोरा में दुर्घटना के बाद राजकार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज हुआ था।