नई दिल्ली। तमाम आतंकवादी गतिविधियों करे नजरअंदाज करके चीन को पाकिस्तान को समर्थन देने, हाफिज सईद को आतंकवादी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रस्ताव पर दोबारा वीटो लगाने के चीनी निर्णय के खिलाफ भारतीयों का गुस्से से अब चीन की हालत पतली होने लगी है।
भारतीयों के पाकिस्तान का समर्थन करने वाले चीन के सामानों का बायकॉट करने और चीन से आने वाले सामानों पर रोक लगाने की सोशल मीडिया पर चलाई जा रही मुहिम ने चीन का हिलाकर रख दिया है। वैसे यह बात अलग है कि अभी तक भारत सरकार ने चीन के उत्पादों पर रोक लगाने का कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार चीन की सरकारी समाचार-पत्र ग्लोबल टाइम्स में भारत में निरंतर चीनी सामानों पर बैन लगाने को लेकर उठ रही मांगों पर चिंता जताई है। इसमें बताया गया है कि चीन के सामानों पर भारत में एंटी डंपिंग टैक्स लगाए गए हैं, ऐसे में चीन को भी भारत से आयात हो रहे सामानों को कंट्रोल किए जाने की आवश्यकता जताई है। इसमें बताया गया है कि अमेरिका और भारत व्यापार में संरक्षणवाद की नीति अपना रहे हैं। अखबार ने वाणिज्य मंत्रालय के हाल में चीनी स्टील पर लगाए गए एंटी डंपिंग ड्यूटी का हवाला देते हुए बताया कि ऐसा करके भारत घरेलू स्टील उत्पादकों को संरक्षित करने का प्रयास कर रहा है।
अखबार ने बताया कि पिछले आठ महीनों में ही भारत में 15 चीनी उत्पादों पर जांच बैठाई गई है। विश्व में ऐसा करने वाला भारत पहला और अमेरिका दूसरा देश है जो चीनी सामग्रियों पर एंटी डंपिंग ड्यूट लगाकर जांचें बैठा रहा है। चीन को भारत जैसा बड़ा बाजार खोने का डर सताने लगा है।
दरअसल, चीन पाकिस्तान को भी अपने हथियार बाजार के कारण ही पाल-पोस रहा है।एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तार चीन से अपने हथियार आयात का सत्तर प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा खरीदता है। ऐसे में पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद पर अपनी आंखें मूंदने और आतंकवादियों को संरक्षण देने के लिए संयुक्त राष्ट्र में अपने वीटो पावर का दुरुपयोग करना उसकी व्यापारिक मजबूरी बन गई है। ऐसे में भारतीयों की चीनी सामानों के बायकॉट और सरकार पर इन पर पाबंदी लगाने के दबाव के कारण चीन को दुनिया का सबसे बड़ा बाजार खोने का डर सताने लगा है। तिब्बत में पहले से ही चीन में बने उत्पादों को बायकॉट करने का अभियान चल रहा है।
-देश भर में सोशल मीडिया पर चल रहा है अभियान
भारत के बडे शहर से लेकर छोटे गांवों में भी चीन के उत्पादों का बायकॉट करने का अभियान शांतिपूर्ण चल रहा है। यह अभियान ठीक वैसा ही है जैसा आजादी से पूर्ण स्वदेशी आंदोलन था, यह बात अलग है कि वह आंदोलन अंग्रेजों से आजादी के लिए था और यह अभियान आतंकवाद और आतंकवाद के समर्थक पाकिस्तान को समर्थन देने वाले देशों को उनकी कुनीयत से आजादी दिलाने को लेकर है।