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China is the greatest threat to India's economic and national security says Bhagwati Prasad Sharma
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देशभक्त संकल्प लें कि चीन का सामान नहीं खरीदेंगे : भगवती प्रसाद शर्मा

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देशभक्त संकल्प लें कि चीन का सामान नहीं खरीदेंगे : भगवती प्रसाद शर्मा
स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सहसचिव प्रो. भगवती प्रसाद शर्मा
स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सहसचिव प्रो. भगवती प्रसाद शर्मा
स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सहसचिव प्रो. भगवती प्रसाद शर्मा

अजमेर। स्वदेशी को बढावा देने के लिए स्वदेशी जागरण मंच ने एक बार फिर सक्रीयता के साथ अभियान छेड दिया है। इस बार निशाने पर चीन है।

मंच की अजमेर जिला शाखा की ओर से डिग्गी बाजार स्थित मातृ मंदिर में संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी को पेसीफिक विश्व विद्यालय उदयपुर के उपकुलपति एवं स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सहसचिव प्रो. भगवती प्रसाद शर्मा ने संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि हम चीनी माल पर 50 हजार करोड़ का राजस्व केवल चीनी सरकार को ही प्रतिवर्ष देते हैं। जिसमें दैनिक उपयोग में आने वाली सामान्य गैर तकनीकी अनेक वस्तुओं से उसने हमारा मार्केट भर रखा है।

दीपावली पर सजावटी सामान, खिलौने, प्लास्टिक सामान, वस्त्र, पेन स्टेशनरी जैसी अनेक सामग्री चीन से आ रही है। भारतीय नागरिक यदि चाहें तो चीन को सबक सिखा सकते है क्योकि चीन का बढ़ा आर्थिक आधार भारतीय बाजार है।

अर्थात हम चीन सामान का बहिष्कार कर चीन के आर्थिक आधार को नष्ट कर सकते है। हम संकल्प लें कि किसी भी वस्तु के उपयोग से वंचित रहना पड़े तो भी जागरूक, देशभक्त नागरिक के नाते चीन का सामान नहीं खरीदेंगे एवं हम सभी मिलकर इस अभियान को देश की सुरक्षा का आन्दोलन बनाएंगे।

अब हमें सावधान हो जाना चाहिए। विस्तारवादी ड्रेगन चीन से भारत को खतरा है। हमें चीन में बनी सामग्रीयों का बहिष्कार करना चाहिए क्योंकि इससे हमारी आर्थिक व राष्ट्रीय सुरक्षा पर गहरा असर पड़ रहा है।

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आज देश में अनेक उद्योग चीन से बढ़ रहे आयातों के कारण बंद हो चुके हैं और बड़ी संख्या में ओर भी उद्योग बंद होने को हैं। इनमें विद्युत साज सामान, बल्ब उद्योग, टायर उद्योग, मोबाईल फोन, स्मार्टफोन उद्योग, इलेक्ट्रोनिक साज सामान के उद्योग, पेन आदि स्टेशनरी सामानों के उद्योग, खिलौना उद्योग, औषधी उत्पादन उद्योग आदि है।

चीन ने हमें आहत करने के लिए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी व जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर को अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रस्तुत भारत के प्रस्ताव का 3 बार विरोध किया।

भारत के उरी में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों के विरूद्ध सैन्य कार्यवाही के विरोध में पाकिस्तान के प्रति अपनी मित्रता का प्रदर्शन करते हुए चीन ने जेंगबो नामक ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी का पानी अवरूद्ध कर भारत को परोक्ष में यह चेतावनी दी है।

भारत द्वारा पाकिस्तान के विरूद्ध आतंकवाद विरोधी कार्यवाही करने पर या सिन्धु नदी के जल से वंचित करने पर वह ब्रह्मपुत्र नदी के जल से भारत को वंचित कर देगा। चीन तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी की उपरोक्त सहायक नदी का पानी रोकने के लिए ही वहा एक हाईड्रोप्रोजेक्ट लगा रहा है।

भारत क लिए यह भारी चिंता की बात है क्योंकि चीन के इस कदम से भारत समेत कई देशों में ब्रह्मपुत्र के पानी के बहाव पर असर पड़ सकता है। इससे भारत की 10 करोड़ से अधिक जनसंख्या को जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।

चीन वर्ष में 300-450 बार भारतीय सीमा में घुसपैठ करता है। चीन ने भारतीय सीमा पर परमाणु मिसाइलें तैनात कर दी है जिनके मारक क्षेत्र में सम्पूर्ण भारत आता है।

भारत की चारों ओर से घेराबन्दी की दृष्टि से चीन ने पाकिस्तान (ग्वादर बंदरगाह), नेपाल, म्यांमार, बांग्लादेश (चटगांव बंदरगाह) एवं श्रीलंका में सैन्य गतिविधियों का विस्तार करता रहा है।

संगोष्ठी की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघ चालक बसंत विजयवर्गीय ने की व कार्यक्रम का संचालन विवेक शर्मा ने किया। प्रारम्भ में वक्ताओं का परिचय जिला संयोजक दिलीप चौहान ने कराया।

इस अवसर पर स्वदेश जागरण मंच के विभाग संयोजक अरूण कुमार अरोड़ा व विश्व हिन्दू परिषद, हिन्दू जागरण मंच, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय सिन्धु सभा, विद्यार्थी परिषद, सिक्ख संगत, संस्कार भारती, सहकार भारती, पूर्व सैनिक सेवा परिषद्, भारत विकास परिषद्, रूक्टा, संस्कृत भारती, एन.एम.ओ., अधिवक्ता परिषद्, विद्या भारती, ग्राहक पंचायत, भारतीय शिक्षण मण्डल, सेवा भारती, विज्ञान भारतीय परिषद्, इतिहास संकलन, सक्षम, शिक्षक संघ, क्रीड़ा भारती, प्रज्ञा प्रवाह, लघु उद्योग भारती के कार्यकर्ता उपस्थित थे।