लखनऊ। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बसपा कांशीराम की पुण्यतिथि के अवसर पर रविवार को राजधानी में अपना शक्ति प्रदर्शन करना चाहती थी। रैली में कार्यकर्ताओं की भीड़ भी अच्छी खासी रही।
लेकिन एक हादसे ने रैली की सफलता को चर्चा से बाहर कर दिया। भीड़ जुटाने के लिए जानी जाने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती की रैली में इससे पहले भी कई लोग मर चुके हैं।
राजधानी में चर्चा है कि मायावती की जब भी लखनऊ में रैली होती है कुछ न कुछ हादसा अवश्य घट जाता है। इससे पहले भी बसपा की रैली में पार्टी कार्यकर्ताओं को अपनी जान गवांनी पड़ी है। वर्ष 2002 में लखनऊ में बसपा की एक रैली के बाद चारबाग रेलवे स्टेशन पर पार्टी के लगभग 12 कार्यकर्ताओं की जान गई थी और 22 घायल हो गए थे।
कांशीराम की पुण्यतिथि पर रविवार को राजधानी लखनऊ में आयोजित बसपा की रैली में भगदड़ से दो महिलाओं की मौत हो गई। हादसे में 22 लोग घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
भगदड़ में मरी एक महिला की पहचान शान्ति देवी (55) पत्नी पुत्ती लाल निवासी बिल्हौर कानपुर देहात के रुप में हुई है जबकि दूसरी महिला की अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है।
घायलों में अब तक जिनकी पहचान हो सकी है, उनमें शान्ति देवी पत्नी झहरखण्डी निवासी बलिया, गोमती पत्नी मलखान निवासी लखीमपुर, शारदा देवी पत्नी सुग्रीव राय निवासी आजमगढ़, शुमशाना देवी पत्नी लक्ष्यपाल निवासी बलिया, ममता पत्नी चंद्रबली निवासी जौनपुर, ऋचा पुत्री मेवालाल निवासी कानपुर, कमलावती पत्नी नन्दूराम निवासी आजमगढ़, पुष्पा देवी निवासी कानपुर देहात, रामविलास पत्नी लालटू निवासी सीतापुर, सौलेश्री पत्नी जगपाल निवासी लखमीपुर, शिवकरण पुत्र रामकरण निवासी प्रतापगढ़, सरस्वती और श्याम नारायण शामिल हैं।
घायलों में भी अधिकतर महिलाएं है। इन सभी को पास के लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रैली स्थल पर जब हादसा हुआ उस वक्त बसपा सुप्रीमो मायावती का भाषण चल रहा था। हादसे के बाद भी उनका भाषण जारी रहा।
हादसे के कारण को लेकर भी काफी देर तक लोगों के बीच तरह-तरह की बातें चलती रही। पुलिस का कहना था कि एक ट्रैक्टर ट्राली पलटने से यह हादसा हुआ, जबकि आस-पास के लोगों ने बताया कि रैली स्थल पर मुख्य गेट से एकाएक कुछ लोग बाहर निकलने लगे तो वहां सुरक्षा में लगे लोगों ने उन्हें रोका और लाठियां पटकी इसी के चलते भगदड़ मच गई।
उधर, बसपा के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर का कहना है कि रैली में कोई भगदड़ हुई ही नहीं। वह कहते हैं कि रैली के बाद भयंकर गर्मी तथा उमस के कारण दो लोगों की मौत हुई है। बसपा के एक प्रवक्ता ने बताया कि बिजली का तार कटने की अफवाह के चलते भगदड़ मची।
मृतकों के परिजनों को सात-सात लाख का मुआवजा
रैली के दौरान हुए हादसे की खबर मिलते ही प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा कर दी। इसके बाद बसपा ने भी पांच-पांच लाख देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बसपा की रैली के दौरान हुए हादसे में लोगों की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके साथ ही घायलों को मुफ्त में इलाज कराने सुविधा देने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद बसपा की तरफ से पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि पार्टी सुप्रीमो भी हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को पार्टी की तरफ से पांच-पांच लाख रुपए मुआवजा देंगी।
बाजी मार ले गए अखिलेश
सियासी पंडितो का कहना है कि बसपा रैली के दौरान हुए हादसे के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बाजी मार ले गए। दुघर्टना के तुरन्त बाद मुआवजा की घोषणा कर लोगों की सहानुभूति बटोरने में वह बसपा से आगे रहे। दरअसल मुख्यमंत्री की घोषणा के काफी देर बाद बसपा ने मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की बात कही।
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