इलाहाबाद। हाईकोर्ट में ने गंगा में मूर्तियों के विसर्जन की मांग को मानने से इनकार कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि गंगा में मूर्तियों के विसर्जन पर हाईकोर्ट द्वारा लगाई गयी रोक को हटाना उचित नहीं होगा।
कोर्ट ने कहा कि प्रशासन ने विसर्जन की वैकल्पिक व्यवस्था कर रखी है। ऐसे मे दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन प्रशासन द्वारा तैयार तालाब मे ही किया जाए। वाराणसी की संस्था सार्वजनिक दुर्गाेत्सव समिति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके मांग की थी कि प्रशासन पंडालों मे रखे पूजा जल कलश को तो गंगा मे प्रवाहित करने की अनुमति दे।
इस याचिका की सुनवाई कर रहे जस्टिस वी.के शुक्ल व जस्टिस एम.सी त्रिपाठी ने कहा कि पूजा जल कलश के गंगा मे प्रवाह को किसने रोका है। चूँकि कोर्ट ने रोका नही है तो उसके अनुमति का प्रश्न कहाँ से उठता है। फिलहाल हाईकोर्ट ने विसर्जन को लेकर दायर इस याचिका को निस्तारित कर दिया है और कहा है कि यदि मूर्तियों के विसर्जन को लेकर कोई व्यवहारिक परेशानी आ रही हो तो वे प्रशासन से इसके लिए निवेदन कर सकते है और प्रशासन उस पर विचार कर समुचित निराकरण करेगा।