कानपुर। महिला जज की हत्या के मामले में कानपुर पुलिस की घोर लापरवाही देखने को मिली है।
पुलिस ने पति पर हत्या का तो मुकदमा दर्ज किया, लेकिन पेट में पल रहे अजन्मे शिशु की हत्या की धारा लगाना ही मुनासिब नहीं समझा। लापरवाही सामने आने पर अब एसएसपी ने चार्जशीट में धारा बढ़ाए जाने की बात कही है।
कानपुर देहात में तैनात महिला ज्यूडीशियल जज प्रतिभा गौतम का शव कानपुर के सर्किट हाउस में स्थित सरकारी आवास में रविवार को मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 16 चोटें, गला कसकर हत्या सहित महिला जज के गर्भवती होने की पुष्टि हुई।
पुलिस जांच में जज की हत्या पति द्वारा किए जाने का मामला प्रकाश में आया। पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज करते हुए आरोपी पति को जेल भेज दिया।
मुकदमा दर्ज करने में कैन्ट पुलिस द्वारा लापरवाही उस वक्त सामने आईं, जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद भी पुलिस ने आरोपी पर अजन्मे शिशु की हत्या की धारा 315 व 316 बढ़ाई ही नहीं।
थाना पुलिस की लापरवाही पर देर से ही सही एसएसपी शलभ माथुर ने संज्ञान लिया और महिला जज सहित गर्भ में पल रहे शिशु की हत्या का भी जिम्मेदार आरोपी पति ही है।
उन्होंने कहा कि अब विवेचक द्वारा चार्जशीट में धारा बढ़ाई जाएगी। मुकदमे की जल्दबाजी को लेकर उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने से पहले ही मुकदमा दर्ज किया जा चुका था, जिसके चलते यह क्लियर नहीं था की वह गर्भवती भी है।