कानपुर। तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में जिस तरह सभी लोगों को ध्यान में रखते हुए सम्राट अशोक ने शासन किया, वैसे ही पीएम मोदी कर रहे हैं। केन्द्र सरकार की योजनाएं बौद्ध धम्म से प्रेरित है और समाज के अन्तिम छोर पर खड़े व्यक्ति को लाभ मिल रहा है।
यह बात धम्म चेतना यात्रा के समापन समारोह में बौद्ध भिक्षुओं ने एक सुर में कही। महात्मा गौतम बुद्ध के प्रथम उपदेश स्थल सारनाथ से भाईचारा के लिए निकली धम्म चेतना यात्रा का समापन 174 दिनों बाद शुक्रवार को कानपुर में हुआ।
बौद्ध भिक्षुओं ने अपने सम्बोधन में जहां बहुजन समाज पार्टी को जमकर कोसा तो वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यों को खूब सराहा। भदंत शांति रक्षित ने कहा कि यह बहुत दुख की बात है कि आजादी के बाद से धर्म निरपेक्ष के नाम पर राजनीति हो रही है।
मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री है जो पंथ निरपेक्ष व धर्म सापेक्ष के साथ देश की तरक्की कर रहे है। यह नीति बौद्ध धम्म से प्रेरित है और इसी नीति से सम्राट अशोक ने शासन किया।
आगे कहा कि बौद्ध धम्म यह कहता है कि शांति के साथ जिओ और जीने दो, अगर कोई बार-बार परेशान कर रहा है तो हथियार भी उठा लो। जिसका अनुशरण पीएम मोदी कर रहें है और लखनऊ में दशहरा के अवसर पर धनुष से एक बार तीर गिराकर जता दिया कि हम शांति के पुजारी हैं।
भदंत आर्य ने कहा कि बौद्ध धम्म गरीब शोषितों के उत्थान की बात करता है और पीएम की योजनाएं इसी नीति से संचालित है। पीएम में वह सभी गुण मौजूद है जो सम्राट अशोक में थी, ऐसे में देश की जनता के साथ अन्याय नहीं हो सकता।
इस अवसर पर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, पूर्व सांसद भदंत डा. वीर, प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य, भदंत पंडितानंद, केन्द्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, शिव प्रताप शुक्ल, सांसद राजेश वर्मा, देवेन्द्र सिंह भोले, विधायक सतीश महाना, सत्यदेव पचौरी, सलिल विश्नोई, रघुनंदन सिंह भदौरिया, एमएलसी अरूण पाठक, पूर्व मंत्री प्रेमलता कटियार, जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र मैथानी, नीलिमा कटियार, बृजेश तिवारी, अजय अग्निहोत्री आदि मौजूद रहें।