नई दिल्ली/ जयपुर। सीएमएचओं से गाली गलौच करते हुए उसे धमकाने के भाजपा विधायक प्रहलाद गुंजल की आॅडियो रिकाॅर्डिंग सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने सख्त निर्णय करते हुए, राजस्थान के कोटा उत्तर विधानसभा सीट से विधायक प्रहलाद गुंजल को शुक्रवार को पार्टी से निलम्बित कर दिया है। प्रदेश भाजपा से इस पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है। गुंजल को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। इधर, गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की भी बात कही है।
गुंजल दो दिन पहले कोटा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आर.एन. यादव से अभद्र व्यवहार व गाली गलौच के बाद से चर्चा में थे और उनके इस व्यवहार की चैतरफा आलोचना हो रही थी। सरकारी अधिकारियों और कार्मिकों में गुंजल के इस व्यवहार से बेहद आक्रोश में हैं, इधर चिकित्सा क्षेत्र में भी इसे लेकर काफी रोष देखा गया और शुक्रवार को प्रदेशभर में सरकारी व निजी चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों ने इसके लिए अपना गुस्सा जताया ओर काम का बहिष्कार किया।
चिकित्सकों ने गुंजल के खिलाफ तत्काल कार्यवाही की मांग भी की। अपने विधायक के इस तरह के व्यवहार पर हो रही चैतरफा आलोचना से पार्टी की छवि पर पडने वाले विपरीत प्रभाव को भांपते हुए पार्टी आलाकमान ने गुंजल को निलंबित करने का फैसला कर दिया। केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री वैंकेया नायडु ने दिल्ली में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि भाजपा अनुशासित पार्टी है और इस तरह का व्यवहार कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
आलाकमान ने राज्य इकाई से इस मामले में रिपोर्ट मांगी और और उसके बाद गुंजल को भाजपा से निलंबित करने का फैसला करते हुए उन्हे कारण बताओं नोटिस भी भेजा गया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी ने गुंजल के निलंबन की पुष्टि करते हुए कहा कि पार्टी में अनुशासनहीनता कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
गुंजल के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई
जयपुर। कोटा के मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी के खिलाफ अभद्र भाषा करने पर भाजपा से निलंबित कोटा उत्तर के विधायक प्रहलाद गुंजल पर पुलिस कानून के तहत कार्रवाई करेगी। राज्य के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने पूरे मामले की जांच सीआईडी सीबी से कराने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस आगे कानूनी कार्रवाई करेगी।
गृहमंत्री ने गुंजल के इस कृत्य को शर्मनाक बताते हुए कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि को इस तरह का अनुचित व्यवहार नहीं करने की सीख भी दी। चिकित्सकों समेत कई संगठन इस प्रकरण में गुंजल की विधानसभा सदस्यता को खत्म करने की मांग कर रहे हैं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एस.एस. अग्रवाल ने विधायक के इस कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा की करते हुए कहा कि घटना के बाद से ही प्रदेश के चिकित्सकों में गहरा असंतोष है। उन्होंने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से विषय की गंभीरता को देखते हुए गुंजल की तुरंत गिरफ्तारी की मांग भी की है। उन्हें पार्टी और विधायक दल से निलंबित करने की भी मांग की । उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कियदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो चिकित्सक वर्ग प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगा।
एसएसी एसटी आयोग के अध्यक्ष पी.एल. पूनियां ने डीजीपी से पूरी रिपोर्ट तलब है। उन्होंने कहा कि दलितों के प्रति यह अन्याय है, यह सामान्तवादी मानसिकता को दर्शाता है। गौरतलब है कि सीएमएचओ आरएन यादव को धमकी देने और उनके साथ गाली गलौच करने के कारण सरकारी कर्मचारियों और डॉक्टरों ने आक्रोश था। डॉक्टरों ने सरकार को 72 घंटों के अंदर उनके खिलाफ जांच कराने का अल्टीमेटम दिया था। शुक्रवार सुबह विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर चिकित्सकों ने दो घंटे तक कार्य का बहिष्कार किया।
सुबह ही जताया था खेद पत्र
भाजपा विधायक गुंजल ने अपनी करतूत को लेकर शुक्रवार सुबह ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को एक पत्र लिखा और इसमेंघटना का खुलासा करते हुए अपने बर्ताव पर माफी भी मांगी। पत्र में उन्होने स्वीकार किया कि पार्टी के कार्यकर्ताओं के काम नहीं करने के कारण ही उन्होने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को फोन किया था और भावावेश में गलत शब्दों का भी प्रयोग कर दिया था।
नई रिकाॅर्डिंगें भी हुई वायरल
इधर, प्रहलाद गुंजल और कोटा के सीएमएचओ के बीच की टेलीफोनिक वार्ता की रिकाॅर्डिंग व्हाटस एप्प पर वायरल होने के बाद एक और रिकाॅर्डिंग व्हाटस एप्प पर वायरल हुई है। इसमें कोई शुक्ला नाम का व्यक्ति खुदको गुंजल का कार्यकर्ता बताते हुए सीएमएचओ यादव को इस बात को लेकर धमकाता हुआ सुनाई दिया कि यदि यह बात सामने आया कि सीएमएचओ ने ही इस आॅडियो को व्हाटस एप पर वायरल किया है तो उसका वही हाल करेंगे जो गुंजल ने टेलीफोन में कहा है।
इस रिकाॅर्डिंग में दिलीप शुक्ला नाम का गुंजल का यह कथित कार्यकर्ता सीएमएचओ को कोटा और प्रदेश में कहीं भी नौकरी करना भुला देने की धमकी भी देता सुनाई दिया है। वही एक और रिकाॅर्डिंग वायरल हुई है, जिसमें एक व्यक्ति खुदको प्रहलाद गुंजल बताते हुए अपने कार्यकर्ताओं को प्रदेश के एक प्रमुख समाचार पत्र के हाॅकरों को वापस भेजने की बात कहते हुए सुनाई दिए। उनका यह कहना था कि यदि कार्यकर्ता इस समाचार पत्र को बंद कर देंगे तो इन्हें अपनी वास्तविकता पता चल जाएगी।
सिरोही जिला प्रमुख पर भी गुंजल की छाया
इधर, प्रहलाद गुंजल की की छाया सिरोही के जिला प्रमुख चंदनसिंह देवडा पर गुरुवार को आयोजना समिति की बैठक में नजर आई। उन्होंने भी इस बैठक में सरकारी अधिकारी से अभद्रता की पराकाष्ठा कर दी। हुआ यूं कि 13 दिसम्बर को प्रदेश सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर सिरोही सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने एक पुस्तिका का प्रकाशन किया था। इस पुस्तिका को जब बैठक के दौरान मौजूद जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों में पीआरओ मुकुल मिश्रा ने बांटा तो इसमें जिला प्रमुख चंदनसिंह देवडा का संदेश नहीं लिखे होने की बात जिला परिषद सदस्य पुखराज गहलोत ने उठाई। इस पर जिला प्रमुख चंदनसिंह देवडा भडक गए और उन्होंने भरी सभा में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच में ही मिश्रा से भददी भाषा का प्रयोग करते हुए बदतमीजी की पारकाष्ठा कर दी। मिश्रा ने बाद में इसकी जानकारी जिला कलक्टर को भी की। यह मामला अब सिरोही में गर्माया हुआ है। जिला प्रमुख चंदनसिंह देवडा कांग्रेस के हैं।