नई दिल्ली। राजस्थान के पूर्व आईएएस अधिकारी गुरदयाल सिंह संधू को एकल पट्टा प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। जस्टिस पीसी घोष और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने उन्हें छह शर्तों के साथ जमानत दे दी है।
इसके पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने 20 जनवरी को उनकी अग्रिम अर्जी जमानत खारिज कर दी थी, जिसके बाद गुरदयाल सिंह ने 9 मई को सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। उसके बाद दूसरी बार गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है।
कोर्ट की पहली शर्त के मुताबिक संधू को ट्रायल कोर्ट में दो जमानतदारों के साथ पच्चीस-पच्चीस हजार रुपये का मुचलका भरना होगा। दूसरी शर्त है कि मामले की जांच के दौरान उन्हें राज्य से बाहर रहना होगा।
तीसरी यह है कि उन्हें ट्रायल कोर्ट में अपना पासपोर्ट जमा कराना होगा और वे देश छोड़कर नहीं जा सकते हैं। कोर्ट ने चौथी शर्त रखी है कि गुरदयाल सिंह संधू जांच में कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
पांचवी शर्त ये है कि जब भी जांच अधिकारी या ट्रायल कोर्ट को उनकी उपस्थिति की जरुरत होगी, संधू उपस्थित होंगे।
छठी शर्त ये है कि ट्रायल कोर्ट से जमानत लेते समय संधू को अपना वर्तमान पता बताना होगा और बिना ट्रायल कोर्ट की अनुमति के अपना पता नहीं बदल सकते।
संधू पर अपने विभाग का मुख्य सचिव रहते हुए सह अभियुक्त शैलेन्द्र गर्ग को अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फायदा पहुंचाने का आरोप है।
संधू ने शैलेन्द्र गर्ग को तमाम आपत्तियों को दरकिनार करते हए पट्टा जारी किया था, जिसके खिलाफ 2014 में जयपुर के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।