अजमेर। अजमेर जिले में लोगों के बीच दस रुपए के सिक्के के लेन-देन में आपत्ति जताई जा रही है। असली और नकली नोटों के बाद अब सिक्कों में भी ऐसी बात सामने आने से लोग आश्चर्य चकित हैं।
असली-नकली सिक्कों की पहचान में लोग जुट गए हैं। कई दुकानदार भी ग्राहकों से दस रुपए के सिक्के की लेन-देन नहीं कर रहे हैं। दस के सिक्के देकर सामान खरीदने पर आनाकानी करते नजर आते हैं।
एक आइसक्रीम विक्रेता ने कहा कि वह असली-नकली के पहचान के चक्कर में दस का सिक्का लेना बंद कर दिया है। कई दुकानदार कह रहे हैं कि असली-नकली को लेकर शासन-प्रशासन को निर्देश जारी किया जाना चाहिए।
ऐसे में कई ग्राहकों को असली-नकली सिक्कों के लेनदेन में नोक-झोंक भी हो जाती है। जिन लोगों के पास ऐसे सिक्के भारी संख्या में है, उन्हें भी असली-नकली से परेशानी बढ़ रही है। ऐसे में दस के सिक्के के लेन-देन में लोग सावधानी बरत रहे हैं।
दुकानदारों का कहना है कि ग्राहक सिक्के नहीं लेते हैं जबकि ग्राहकों का कहना है कि दुकानदार दस के सिक्के लेने में आनाकानी करते हैं। चाहे जो भी हो परंतु दस रुपए के सिक्कों के चलन को लेकर चर्चाएं जोरों पर है।
असली व नकली का पहचान
जानकारों की माने तो असली सिक्के के ऊपर दस पट्टियां बनी हुई है, जबकि नकली पर 15 पट्टियां। असली सिक्के के ऊपर रुपए का चिन्ह बना हुआ है पर नकली के ऊपर सिर्फ दस लिखा हुआ है। असली सिक्के के दूसरी ओर भारत तथा इंडिया अलग-अलग लिखा हुआ है,जबकि नकली पर एक ओर ही भारत और इंडिया है।