इंदौर। योग गुरु रामदेव जो 4500 करोड़ रुपए के पतंजलि समूह का प्रमुख चेहरा है, उन्हें एक बार अमरीका ने उनके कुंवारे होने और बैंक खाता नहीं होने की वजह से वीजा देने से मना कर दिया था।
बाद में जब वह संयुक्त राष्ट्र को संबोधित कर रहे थे तो उन्होंने उन्हें बुलावा भेजा और 10 साल का वीजा भी दिया। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय न्यूयॉर्क में है।
रामदेव ने इंदौर में मध्य प्रदेश सरकार के वैश्विक निवेशक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बताया कि कैसे पहले उन्हें वीजा देने से मना किया गया और बाद में उन्हें वीजा दिया गया।
उन्होंने कहा कि जब पहली बार में उन्होंने अमरीका के वीजा के लिए आवेदन किया, तो उन्हें मना कर दिया गया। जब उन्होंने इसका कारण पूछा तो कहा गया कि बाबाजी, आपके पास बैंक खाता नहीं है, जो मेरे पास अभी भी नहीं है और मैं अविवाहित हूं।
रामदेव ने कहा कि हो सकता है वहां इस पर लेकर कुछ समस्या हो, लेकिन मैंने कहा कि इनमें से किसी की भी संभावना नहीं है, फिर भी उन्होंने मुझे वीजा देने से मना कर दिया।
हालांकि, रामदेव ने किस वर्ष वीजा के लिए आवेदन किया था, इसकी जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा कि लेकिन जब उन्हें मुझे संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम के लिए बुलाना पड़ा, तो उन्होंने खुद मुझे 10 साल का वीजा दिया।