इंदौर। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने रविवार को कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) वसूलने या न वसूलने के बारे में हालांकि GST परिषद को फैसला करना है, लेकिन देश के सभी राज्यों मेें इन उत्पादोें के मूल्यों में एकरूपता के लिए उद्योग जगत चाहता है कि इन्हें GST वसूली के दायरे में लाया जाये।
प्रधान ने मध्य प्रदेश सरकार के वैश्विक निवेशक सम्मेलन में शामिल होने के दौरान कहा, ‘पेट्रोलियम पदार्थों को GST वसूली के दायरे में लाने के सवाल के जवाब में फिलहाल हम हां और ना, दोनों की स्थिति में हैं। यह विषय GST परिषद के सामने है। केंद्र और राज्यों के बीच इस पर चर्चा होेगी।’
उन्होंने कहा, ‘फिलहाल GST मेें प्रस्ताव है कि पेट्रोलियम पदार्थों को इस कर प्रणाली में शून्य कर के साथ रखा जाए। लेकिन उद्योग जगत का कहना है कि इन पदार्थों पर भी GST की वसूली होनी चाहिये, ताकि आने वाले दिनों में देशभर में इनके मूल्य एक जैसे हो सकें। उद्योगपतियों का मानना है कि सभी सूबों में इन पदार्थों के मूल्यों में एकरूपता आने से न केवल उनके कारोबार में इजाफा होगा, बल्कि राज्यों को भी इसका फायदा होगा।
उन्होंने कहा, मामले से संबंधित पक्ष GST परिषद के सामने अपनी बात रखेंगे कि पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी में शामिल किया जाए। देश के अलग-अलग राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर कर वसूली को लेकर बड़े अंतर के बारे में पूछे जाने पर पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, ‘यह राज्यों का विषय है कि वे किसी खास वस्तु पर कितना कर वसूलते हैं। हम कर वसूली को लेकर उन पर अपना कोई फैसला लाद नहीं सकते।’