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In the interest of society to end triple talaq : former Justice vk chaturvedi
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तीन तलाक समाप्त होना समाज के लिए हितकारी: न्यायमूर्ति

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तीन तलाक समाप्त होना समाज के लिए हितकारी: न्यायमूर्ति
In the interest of society to end triple talaq : former Justice vk chaturvedi
In the interest of society to end triple talaq : former Justice vk chaturvedi
In the interest of society to end triple talaq : former Justice vk chaturvedi

इलाहाबाद। राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के चलते यूनीफार्म सिविल कोड अब तक लागू नहीं किया जा सका। जबकि सुप्रीमकोर्ट ने इस सम्बन्ध में विधायिका से कानून बनाने की अपेक्षा जताई है।

उक्त विचार डा.हेडगेवार भवन परिसर में आयोजित अधिवक्ता परिषद् उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय इकाई के बैनरतले ‘समान नागरिक संहिता और तलाक’ विषय पर गुरूवार को संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश वी.के चतुर्वेदी ने व्यक्त किया।

उन्होंने आगे कहा कि समान नागरिक संहिता तीन तलाक जैसे पर्सनल लॉ खत्म होने चाहिए, जो समाज के लिए अति हितकारी साबित होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मौजूदा सरकार इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाएगी।

एक देश में एक ही कानून मान्य: वीसी मिश्र

जबकि मुख्य वक्ता के रूप में प्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता एवं बार कौंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विनय चन्द्र मिश्र ने कहा कि देश में एक ही कानून मान्य है। उन्होंने तीन तलाक का मुद्दा उठाते हुए एक देश में एक संविधान एवं एक कानून ही सार्वभौमिक सत्य है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा ने करते हुए तीन तलाक के मुद्दे पर कहा कि हिन्दुस्तान में सभी धर्माें के लोग ईश्वर व अल्लाह को मानते हैं।

उन्होंने कहा कि मुस्लिमों की आधी आबादी के लोग तीन तलाक कानून के खिलाफ हैं। महिलाएं भी इसे गलत मानती हैं। अनुच्छेद 14, 15 एवं 44 के परिप्रेक्ष्य में मुस्लिम महिलाओं के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाया जाना गलत है।

तीन तलाक का मुद्दा वर्तमान में लोगों को जरूर ठीक नहीं लग रहा है, लेकिन इसके लागू होने के बाद मुस्लिम समाज इसका बाखूबी बखान करेगा।