रक्सौल। कश्मीर में शहीद बीएसएफ के हेड कांस्टेबल जितेन्द्र सिंह का पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके मासूम बेटे ने मुखाग्नि दी। इस आखिरी सलामी को देखकर लोग रो पड़े।
अंतिम संस्कार के दौरान हजारों की भीड़ उमड़ी। भीड़ ने पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि अब पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब मिलना ही चाहिए। इस मौके पर विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठन के लोग मौजूद रहे।
रक्सौल के सिसवा कचहरी टोला निवासी लक्ष्मी सिंह के पुत्र जितेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था।
उसके बाद सिसवा कचहरी टोला स्थित उनके पैतृक गांव लाया गया जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
सुबह से ही रक्सौल के मौजे टोला से लेकर पूरे गांव के लोगों के साथ ही अन्य गांव के लोग भी काफी संख्या में शहीद के अंतिम दर्शन का इंतजार कर रहे थे।
इस बीच बिहार सरकार ने 11 लाख रुपए शहीद के परिवार को देने की घोषणा की। डीएम, एसडीओ व डीएसपी ने घर पहुंच कर शहीद परिजनों से मिलकर उनको हरसंभव मदद करने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि हम आपके साथ है।
सिसवा पंचायत के मुखिया रामनारायण रॉय ने शहीद के परिवार को एक इन्दिरा आवास के लाभ के साथ शहीद स्मारक और सिसवा चौक पर शहीद गेट बनवाने का किया घोषणा की है।
शहीद जितेन्द्र सिंह की बेटियों ने दुश्मन पाकिस्तान से बदला लेने का संकल्प लिया है। हम तीनों भाई बहन सेना में जाएंगे। पापा से बड़े पद पर काम करेंगे और पाकिस्तान को उसके किए की सजा देंगे।
बता दें कि जितेन्द्र की प्रारंभिक शिक्षा पैतृक गांव सिसवा से ही हुई थी। 6 से 8वीं कक्षा तक की पढ़ाई भेलाही से पूरी की। 1987 में मैट्रिक की परीक्षा रक्सौल स्थित हजारीमल उच्च विद्यालय से पूरी की।
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