सिरोही। जिला चिकित्सालय में धनवंतरी जयंती से पंचकर्म सुविधाओं के लिए नवीन और आधुनिक मशीनों की स्थापना कर दी गई है। जिला चिकित्सालय परिसर में आयुर्वेद चिकित्सालय में यह नई मशीनें रीहेबिलेशन सेंटर में स्थापित की गई हैं।
इस दौरान आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का गुणगान करने के लिए प्रदेश के गोपालन एवं देवस्थान राज्यमंत्री ने अपने बैंगलोर दौरे का जिक्र करते हुए बोले कि ऐलोपेथ में डॉक्टर सांसों को देखने के लिए टेलीस्कॉप का इस्तेमाल करते हैं, वहां बैंगलोर में उन्होंने देखा कि आयुर्वेद चिकित्सक हाथ से नब्ज देखकर रोग पहचान रहे थे। संभवतः उन्हें स्टेथेस्कॉप याद नहीं आया और न ही उनके इस शब्दज्ञान को सुधारने का प्रयास पास बैठे अधिकारियों ने किया।
राज्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद पद्धति ऋषिमुनियों की देन है। इस पद्धति से असाध्य एवं जटिल रोगों का उपचार होता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकर द्घारा मुझे श्री.श्री. रविशंकर के बैगलोर केन्द्र पर जाने का मौका मिला वहां जाकर मुझे भी चिकित्सा करवाने पर स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति हुई। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद पद्धति से उपचार कराने पर किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव शरीर पर नहीं पडता है एवं इसे लगातार सेवन करने से रोग समाप्त हो जाता है।
इस अवसर पर जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. केशव भारद्वाज ने बताया कि जिला मुख्यालय पर पंचकर्म केन्द्र , जरावस्था केन्द्र, आंचल प्रसूता केन्द्र एवं योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र के माध्यम से आम जन को विभिन्न रोगों के उपचार की जानकारी दी।
इस मौके पर जिला प्रमुख श्रीमती पायल परसरामपुरिया, भाजपा जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चौधरी, जिला कलक्टर लक्ष्मी नारायण मीणा, सिरोही प्रधान श्रीमती प्रज्ञा कंवर, नगरपरिषद के सभापति ताराराम माली, सुरेश सरगवंशी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुशील परमार, नारायण देवासी, हेमलता पुरोहित, गणपत सिंह, भूपेन्द्र देवासी इत्यादि ,जन प्रतिनिधिगण, पार्षद गण व अन्य जन मौजूद थे। इस अवसर पर डॉ. हरिश चन्द्र, गणपत लाल बुनकर , यादवेंद्र शर्मा, यशवंत कुमार, कांति खत्री, शिवलाल माली आदि उपस्थित रहें।
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